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‘अनोखा मामला नहीं…’ CM केजरीवाल को अंतर‍िम जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने र‍िहाई के ग‍िनाए 10 कारण

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सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का फैसला किया है. अरविंद केजरीवाल को फिलहाल 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत मिली है. इस अहम फैसले को सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां भी की हैं.

अरविंद केजरीवाल को बल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में एक अहम टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस वक्त देश में सबसे अहम चुनाव हो रहे हैं जो कि लोकसभा के हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस राष्ट्रीय महत्व के चुनाव में देश के कुल 97 करोड़ मतदाताओं में से करीब 65 से 70 करोड़ वोटर्स अगले 5 साल के लिए देश की सरकार चुनेंगे. देश का आम चुनाव लोकतंत्र को संजीवनी प्रदान करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ED की इस दलील को खारिज करते हैं कि केजरीवाल को बेल देना उन्हें आम जनता की तुलना में ज्यादा विशिष्ट स्थान देगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहां कि जांच एजेंसी का यह तर्क बिल्कुल सही है कि अरविंद केजरीवाल को 9 समन जारी किए गए और उसके बावजूद भी समन का पालन नहीं किया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED का यह तर्क जाहिर तौर पर केजरीवाल के खिलाफ जाता है लेकिन जमानत देते हुए हमने अन्य पहलुओं पर भी विचार किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और राष्ट्रीय दल के नेता और राष्ट्रीय दल के संयोजक भी हैं. ऐसे में उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, वह गंभीर हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेकिन अभी तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है. न ही उनका कोई आपराधिक इतिहास है और ना ही समाज को उनसे कोई खतरा है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल को जमानत देना कोई अनोखा मामला नहीं है. ऐसे कई मौकों पर सुप्रीम कोर्ट ने कई आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगस्त 2022 से यह मामला लंबित है. अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में केजरीवाल की जमानत के आधार को फसलों की कटाई या फिर किसी व्यवसायिक गतिविधि से नहीं जोड़ा जा सकता है. कोर्ट ने कहा है कि हमने केजरीवाल की लोकसभा चुनाव में भूमिका को देखते हुए जमानत दी है.

FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 18:38 IST

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