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अप्रैल में थोक महंगाई बढ़कर 1.26 फीसदी, ईंधन और खाने-पीने की चीजें हुईं महंगी, आम आदमी पर क्‍या असर?

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हाइलाइट्स

अप्रैल में थोक महंगाई की दर 1.26 फीसदी पहुंच गई.एक महीने में थोक महंगाई की दर0.79 फीसदी बढ़ी है. अप्रैल में फूड आर्टिकल की महंगाई दर 7.74 फीसदी पहुंच गई.

नई दिल्‍ली. महंगाई के मोर्चे पर अप्रैल का महीना मिलाजुला रहा. खुदरा महंगाई की दर में राहत मिली तो थोक महंगाई एक महीने पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ गई. वाणिज्‍य मंत्रालय ने मंगलवार को आंकड़े जारी कर बताया कि अप्रैल में थोक महंगाई की दर 1.26 फीसदी पहुंच गई, जो मार्च में 0.53 फीसदी थी. इस तरह एक महीने के भीतर ही थोक महंगाई की दर (WPI) में 0.79 फीसदी की बढ़ोतरी दिखी है.

कॉमर्स मिनिस्‍ट्री की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अप्रैल, 2024 में खाने-पीने की चीजें महंगी होने और ईंधन (कच्‍चा तेल और प्राकृतिक गैस) के दाम बढ़ने का असर थोक महंगाई पर दिखा. इसके अलावा मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोडक्‍ट और खाने-पीने के मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोडक्‍ट के दाम बढ़ने से भी थोक महंगाई की दर बढ़ी है. अप्रैल में थोक महंगाई 13 महीने के उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गई. इससे पहले मार्च, 2023 में थोक महंगाई की दर 1.34 फीसदी थी.

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फूड इन्‍फ्लेशन ने दिया झटका
आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में फूड आर्टिकल की महंगाई दर मार्च के 6.88 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 7.74 फीसदी पहुंच गई. सब्जियों की कीमतों में ज्‍यादा उछाल दिखा और इसकी महंगाई दर 23.60 फीसदी हो गई, जो मार्च में सिर्फ 19.52 फीसदी थी. ईंधन की महंगाई दर अप्रैल में 1.38 फीसदी रही जो मार्च में शून्‍य से 0.77 फीसदी नीचे थी.

थोक महंगाई का क्‍या असर
थोक महंगाई ज्‍यादा होने से मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोडक्‍ट की लागत बढ़ जाती है और इसका असर उपभोक्‍ताओं पर पड़ता है. थोक महंगाई का ज्‍यादा असर मेटल, केमिकल, प्‍लास्टिक और रबर जैसे प्रोडक्‍ट पर होता है, क्‍योंकि इससे मैन्‍युफैक्‍चरिंग की जाती है और लागत बढ़ने की वजह से खुदरा दाम भी बढ़ जाता है, जिससे आम आदमी पर खुदरा महंगाई का बोझ आ जाता है.

खुदरा महंगाई में मिली राहत
इससे पहले सरकार ने अप्रैल का खुदरा महंगाई का आंकड़ा जारी किया और मार्च के मुकाबले इसमें गिरावट दिखी. अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर 4.83 फीसदी रही, जो मार्च में 4.85 फीसदी थी. वैसे तो अप्रैल में खुदरा महंगाई 11 महीने के निचले स्‍तर पर थी, लेकिन यह लगातार 55वें महीने भी आरबीआई के 4 फीसदी के तय दायरे से बाहर ही दिखी.

Tags: Business news in hindi, Food safety Act, Inflation, Wholesale Price Index

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