अजीत जैन का जन्म ओडिशा के सुंदरनगर में हुआ. IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की.जैन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया.
नई दिल्ली. दुनिया के जाने-माने निवेशक और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) के मालिक वॉरेन बफे (Warren Buffett) को सारी दुनिया जानती है. लोगों का मानना है कि निवेश के मामले में उनका कोई सानी नहीं है और वे दुनिया के बेस्ट ब्रेन हैं. लेकिन, स्वयं वॉरेन बफे की नजर में एक भारतीय का दिमाग दुनिया के ‘बेहतरीन दिमागों’ में से एक है. यह शख्स कोई और नहीं बल्कि बर्कशायर हैथवे के इंश्योरेंस बिजनेस को संभाल रहे अजित जैन (Ajit Jain) हैं. बफे का मानना है कि जैन का दिमाग आइडिया की फैक्ट्री है. अजित ऐसे-ऐसे जोखिम लेते हैं, जिसकी दूसरा कल्पना ही नहीं कर सकता. जैन 1986 में बर्कशायर हैथवे से जुड़े और आज कंपनी में वाइस चेयरमैन हैं. उनकी नेटवर्थ (Ajit Jain Net Worth) 2 अरब डॉलर के करीब है.
अजित जैन का जन्म ओडिशा के सुंदरगढ़ में हुआ. कटक के स्टीवर्ट स्कूल से पढ़ाई की और फिर आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली. 1973 में टेक कंपनी आईबीएम में सेल्समैन की नौकरी की लेकिन तीन साल बाद आईबीएम के भारत छोड़कर जाने के कारण उनकी नौकरी चली गई. 1978 में वे अमेरिका चले गए और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. कुछ समय के लिए मैकेंजी एंड कंपनी में नौकरी की.
1986 में ज्वाइन की बर्कशायर हैथवे
अजित जैन 1986 में वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे में इंश्योरेंस सेक्टर जॉइन किया था. उन्हें इस सेक्टर की कोई नॉलेज नहीं थी. यह बात उन्होंने बफे को इंटरव्यू के दौरान ही बता दी थी. बफे उनसे काफी प्रभावित हुए और नौकरी दे दी. रॉबर्ट पी. माइल्स की पुस्तक ‘द वॉरेन बफे सीईओ: सीक्रेट फ्रॉम बर्कशायर हैथवे मैनेजर्स’ के अनुसार, जैन ने कंपनी के इंश्योरेंस डिपार्टमेंट में सिर्फ 14 लोगों के स्टाफ के साथ काम शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने कोई पर्सनल असिस्टेंट भी नहीं रखा. 14 साल में ही उन्होंने कमाल कर दिखाया और इंश्योरेंस बिजनेस को 780 करोड़ डॉलर तक पहुंचा दिया.
बर्कशायर के किसी भी दूसरे एम्प्लॉई की तुलना में अजित ने ही कंपनी के लिए सबसे ज्यादा पैसा कमाया है. बफे ने एक बार कहा था कि इंश्योरेंस सेक्टर बहुत जोखिम भरा है, लेकिन अजित ने अपने कौशल और असाधारण क्षमता से कंपनी को जोखिम में नहीं डाला. बफे जैन को ‘गुड लक’ मानते हैं. उनके अनुसार, “वह मेरे जीवन का भाग्यशाली दिन था जब मैंने अजीत को चुना. अजित वास्तव में परफेक्ट चॉइस थे. इतने सालों बाद भी वे बेहतर हैं.”
बफे ने माता-पिता से पूछा-दूसरा बेटा है क्या
बफे ने ओडिशा में रहने वाले अजित के माता-पिता को पत्र लिखकर एक बार कहा था कि क्या अजित का कोई भाई-बहन अजित जैसा ही है? अगर है, तो उसे भी हमारे साथ काम करने के लिए भेज दें. बफे अजित की कार्यप्रणाली और बिजनेस स्किल्स को बहुत पसंद करते हैं.
ऐसे ही शेयरधारकों को संबोधित एक पत्र में बफे ने लिखा, “अगर किसी बोट पर मैं, चार्ली मुंगर (कंपनी के वाइस चेयरमैन) और अजित जैन सफर कर रहे हों, जो डूबने वाली हो, तो सबसे पहले अजित को ही डूबने से बचाना. वे हमारी कंपनी के लिए बहुत ज़रूरी हैं.”
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 18:02 IST