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एक बच्चे की मौत ने बना दिया बच्चों का फेमस डॉक्टर, जान बचाने के लिए झोंक देते हैं पूरी ताकत

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धीर राजपूत/फिरोजाबाद: गांव में स्वास्थ सेवाएं अच्छी न होने के चलते परिवार में एक बच्चे की मौत हो गई. इस घटना ने एक बच्चे को इतना झकझोर दिया कि उसने बचपन में ही ठान लिया कि वह बड़ा होकर बच्चों का डॉक्टर बनेगा और उनकी जान बचाएगा. ये कहानी है मैनपुरी के छोटे से गांव किशनी के लक्ष्मीकांत (L.K.) गुप्ता की.

वर्तमान में डॉ एल के गुप्ता फिरोजाबाद मेडिकल अस्पताल के बाल रोग विभाग में तैनात हैं. आपको बता दें कि इनके नाम की चर्चा सिर्फ फिरोजाबाद ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों और शहरों में भी है. आसपास के जिलों में भी अगर कोई बच्चा बीमार होता है तो लोगों की जुबान पर सबसे पहले डॉ. एल के गुप्ता का नाम आता है. अब जान लेते हैं डॉक्टर एल.के. गुप्ता का सफर और वो कहानी जिसने उन्हें लक्ष्मीकांत से डॉक्टर लक्ष्मीकांत बनने के लिए प्रेरित किया.

फिरोजाबाद के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लक्ष्मीकांत  (एल.के.) गुप्ता ने लोकल 18 से बताया कि वह उऩके पिता कई साल पहले छोटे-मोटे काम की तलाश में फिरोजाबाद आकर बस गए थे. एक दिन परिवार में एक बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसे अच्छे इलाज के लिए इटावा भेजा गया, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका. उस बच्चे की मौत से लक्ष्मीकांत को गहरा झटका लगा. उन्हें लगा कि यदि वह डॉक्टरी और इलाज के बारे में जानते तो बच्चे की जान बचा सकते थे. इसके बाद ही उन्होने बच्चों का डॉक्टर बनने का निर्णय लिया.

लक्ष्मीकांत ने अपने नाना की मदद से बीएचयू में एमबीबीएस के लिए एडमिशन लिया और साल 1990 में उनका सपना पूरा हो गया. आज वह 36 सालों से बच्चों का इलाज कर रहे हैं. फिरोजाबाद में भी उन्हें 20 से भी ज्यादा समय हो चुका है. फिरोजाबाद के आसपास के जिलों मैनपुरी, एटा, फर्रुखाबाद से भी लोग अपने बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टर एल.के. गुप्ता के पास आते हैं.

डॉक्टर ने बताया कि उनका सारा जीवन मासूम नवजात शिशुओं के लिए समर्पित है. हर हाल में मासूम की जान बचाने की उनकी कोशिश रहती है.

अनाथ नवजातों के लिए हर तरह से करते हैं मदद
डॉक्टर एल.के. गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने लाखों नवजात शिशुओं का इलाज किया है. कई ऐसे मामले भी सामने आए जहां बच्चे की जान बचाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में उन्होंने खुद का रक्तदान कर नवजात शिशु की जान बचाई है. सरकारी अस्पताल में कई बार अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए वह आर्थिक रुप से भी मदद करते हैं. शहर में इसी वजह से उन्हें एक अलग पहचान भी मिली हुई है.

Tags: Doctor, Firozabad News, Local18, Medical18

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