बोलांगीर: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के नेताओं के द्वारा चुनाव प्रचार जोर-शोर से किया जा रहा है। इस बीच पीएम मोदी भी हर दिन चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। आज शनिवार को पीएम मोदी ओडिशा के बोलांगीर में एक चुनाव जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। यहां पीएम मोदी ने जय जगन्नाथ और जय श्री राम के साथ भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यहां बीजेडी सरकार की विदाई का काउंटडाउन शुरू हो गया है। पूरा ओडिशा एक सुर में कह रहा है ‘ओडिशा में पहली बार डबल इंजन सरकार।’
आप मुझे एक बात बताइये कि मोदी प्रधानमंत्री बना उसके बाद ओडिशा बना क्या? हजारों साल से था, ओडिया भूमि, ओडिया संस्कृति हजारों साल से है, लेकिन कांग्रेस ने यहां के गरीब की तस्वीर ही दुनिया को दिखाई। बीजेडी ने भी गरीबी दूर करने के लिए कुछ किया और ना ही कांग्रेस के प्रयासों को रोकने के लिए कुछ किया। लेकिन भगवान जगन्नाथ का ये बेटा ओडिशा की गौरवमयी धरोहर को मां भारती का सर्वश्रेष्ठ आभूषण मानता है।
साल 2022 में हमने बालांगीर के ही नरसिंह प्रसाद गुरुजी को पद्म सम्मान दिया। इस साल भी चार ओडिया कलाकारों को सम्मानित किया। क्योंकि इन्होंने ओडिया कला संस्कृति की सेवा की है। जब दिल्ली में जी-20 सम्मेलन हुआ तो पूरी दुनिया के बड़े-बड़े नेता आए तो मैंने वहां कोणार्क सूर्य मंदिर के सामने खड़े रहकर तस्वीर खिंचवाई और आज पूरी दुनिया में बड़े नेताओं के घरों में कोणार्क के सूर्य मंदिर की तस्वीर है। हमारी सरकार ने ओडिया पाइका संग्राम के सम्मान में एक सिक्का और डाक टिकट जारी किया और सबसे बड़ी बात ये भाजपा की सरकार ैह जिसने पहली बार एक आदिवासी बेटी को देश का राष्ट्रपति बनाया।
आज ओडिशा के बेटी देश की तीनों सेनाओं को कमाण्ड करती है। आज ओडिशा की बेटी राष्ट्र को सम्मान दे रही है। ये ओडिशा का गौरव है। जब ओडिशा की बेटी इतने ऊंचे पद पर पहुंची तो आपको गर्व होता है कि नहीं होता है। ओडिशा का सम्मान बढ़ा कि नहीं बढ़ा, माताओं-बहनों का सम्मान बढ़ा कि नहीं बढ़ा। ये मोदी ने नहीं किया ये आपके एक वोट ने कर दिया। आपने एक वोट देकर के मोदी को बैठाया इसके कारण ओडिशा का गौरव पूरी दुनिया में हो रहा है। ये आपके वोट की ताकत है।
ओडिशा के लोग बहुत स्वाभिमानी होते हैं। वो कभी अन्याय के सामने झुकते नहीं है। जब भी मैं ओडिशा के बारे में सोचता हूं तो महापुरुषों का स्मरण होता है। मैं शहीद बाजीराउत और उनके साथियों को याद करता हूं। इन सभी ने कभी ओडिशा के सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। आज ये लोग ओडिशा की स्थिति देखकर क्या सोचते होंगे। आज ओडिया संस्कृति संकटों में घिरी हुई है। ओडिया संस्कृति को किसी के लिए गिरवी नहीं रख सकते हैं। इसलिए बीजेपी ने ठान लिया है कि वो ओडिसा को इन संकटों से निकाल कर रहेगी। और आप तो डायरी रखते हैं तो लिख लीजिए 4 जून बीजेडी सरकार की एक्सपायरी डेट है। और मैं आपको अभी से निमंत्रण दे रहा हूं 10 जून को आपको भूवनेश्वर आना है। 10 जून को भूवनेश्वर में बीजेपी का मुख्यमंत्री शपथ लेने वाला है। और ये भी लिख लीजिए भूवनेश्वर में भाजपा की सीएम बनेगा और वो बनेगा जो ओडिया भूमि में जन्म लिया है और ये मोदी की गारंटी है।
ये ओडिशा राज्य अमीर राज्य है। हिंदुस्तान के सबसे अमीर राज्यों में एक नाम ओडिशा का है, लेकिन हिंदुस्तान के सबसे ज्यादा गरीबों का कहीं रहना होता है तो वो ओडिशा में होता है। यहां की जनता गरीबी से जूझ रही है। यहां के लोग गरीब क्यों हैं, आपके 50 साल बर्बाद हो चुके हैं। अब ओडिशा को बचाना है, इसलिए मैं आज ओडिशा के लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। आप मुझे पूरी ताकत से बताइये ये हमारे ओडिशा की बर्बादी हुई, प्राकृति संपदा का भव्य खजाना यहां है, लेकिन इसकी बर्बादी का गुनहगार कौन है? अब उनको विदाई देनी चाहिए कि नहीं। और अब तो आपके इलाके में आ रहे मुख्यमंत्री उनको गाजे बाजे के साथ विदाई देनी है।
एक काम करना जब नवीन बाबू अगर गलती से भी यहां चुनाव प्रचार के लिए आ जाएं और आपके नसीब उनसे मिलना हो जाए तो उनसे पूछिए कि आप जहां से चुनाव लड़ रहे हैं कंतामांझी से, उनसे एक सवाल पूछना कि आप कंतामांझी से चुनाव लड़ रहे हैं। वहां के बिना कागज लिए 10 गांवों के नाम बता दीजिए। बस इतना पूछ लीजिए। ये 10 गावों के नाम नहीं बता पाएंगे। इतने साल सीएम रहे और जहां चुनाव लड़ने आए हैं वहां के 10 गांवों के नाम बोल दें आप देखिए कि वह जमीन से कटे हुए हैं। वह आपका दुख नहीं जानते हैं। इसलिए हमारा ओडिशा इतना धनवान होने के बाद भी यहां के लोग गरीब हैं। गुजरात में इतने ओडिया लोग रहते हैं, मैंने इनमें ताकत देखी है। जब वे गुजरात के लिए कर सकते हैं तो वो ओडिशा के लिए भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
आपने 25 साल तक बीजेडी नेताओं को मौका दिया। नेताओं के पास बंगले और गाड़ियां आ गई, लेकिन यहां के नौजवान पलायन के लिए मजबूर हैं। बताईए ये मजबूरी समाप्त होनी चाहिए कि नहीं। ये कौन करेगा।