हरिकांत शर्मा/ आगरा: पिछली रिपोर्ट में हमने बताया था कि उत्तराखंड के टिहरी से गंगाजल की आपूर्ति प्रभावित रहेगी. इसके चलते 45 दिनों तक 5 लाख से अधिक आगरा शहर वासियों को गंगाजल नहीं मिलेगा. 15 मई से 30 जून के बीच में टिहरी बांध से गंगाजल आपूर्ति आधे से भी काम हो जाएगी. ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने के लिए यमुना नदी का सहारा लिया जाएगा. लेकिन यमुना नदी का पानी इन दिनों बिल्कुल भी पीने लायक नहीं है. ऐसा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया है. यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट में इसे डी ( D) कैटेगिरी में शामिल किया गया है. जो केवल मछली पालन और वनों को सींचने लायक है.
पीना तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है यमुना का पानी
आगरा को बुलंदशहर के पलड़ा फॉल से अपर गंगा कैनाल के जरिए 140 क्यूसेक पानी मिलता है. यहां गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता बेहतर है. यहां पानी में घुलनशील ऑक्सीजन 10 है. तो बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 1.40 है. गंगाजल में टोटल कॉलीफॉर्म 280 मिलियन प्रति 100 मिली है. लेकिन इसके उलट आगरा में यमुना नदी का पानी गंगा जल के मुताबिक 100 गुना ज्यादा दूषित है. यह पानी पीने लायक तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की फरवरी माह की रिपोर्ट यह सभी आंकड़े बताए गए हैं.
45 दिनों तक नहीं मिलेगा गंगाजल
इस झुलसा देने वाली गर्मी में शहर के 5 लाख से ज्यादा लोगों को पानी का संकट झेलना पड़ेगा. ये संकट एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे 30 जून तक 45 दिन झेलना पड़ सकता है. इस दौरान शहर में आने वाले गंगाजल की सप्लाई बंद रहेगी. इससे डेढ़ माह तक आगरा की जल आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित रहेगी. आगरा में 140 क्यूसेक गंगाजल बुलंदशहर के पालडा फाल से पाइपलाइन के जरिए आगरा शहर पहुंचाया जाता है. पालडा तक अपर गंगा कैनाल से गंगाजल पहुंचता है. जो 15 मई से 30 जून तक बंद रहेगा . उत्तराखंड में टिहरी बांध से पेयजल के लिए पलड़ा फॉल को पानी मिलता है. जो बंद रहेगा, इसके परिणाम स्वरुप आगरा में जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित रहेगी.
FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 15:43 IST