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‘चीन से जमीन वापसी की गारंटी’, आखिर इसके पीछे अरविंद केजरीवाल की मंशा क्या है?

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नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के रविवार को किए गए दस वादों में मुफ्त बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य, अगले एक साल में दो करोड़ नौकरियां और चीन के कब्जे वाली भारत की जमीन को वापस हासिल करने के लिए भारतीय सेना को पूरी आजादी देना शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकसभा चुनावों के बाद जब इंडिया ब्लॉक सत्ता में आएगा तो ये “गारंटियां” लागू की जाएं. सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर रिहा होने के कुछ दिनों बाद दिल्ली में आप मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का अपना वादा दोहराया.

अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन विजयी हुआ तो अग्निवीर योजना को खत्म कर दिया जाएगा. विशेष रूप से उन्होंने चीन द्वारा कब्जा की गई जमीन को पुनः हासिल करने की गारंटी दी. केजरीवाल ने कहा कि ‘चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है लेकिन हमारी केंद्र सरकार इससे इनकार कर रही है… हमारी सेना में बहुत ताकत है. देश की सारी जमीन जिस पर चीन ने कब्जा कर लिया है, उसे मुक्त कराया जाएगा.’ आप सुप्रीमो ने कहा कि ‘एक तरफ जहां इसके लिए कूटनीतिक स्तर पर प्रयास किए जाएंगे, वहीं सेना को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने की पूरी आजादी दी जाएगी.’ इस गांरटी के जरिये केजरीवाल ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की है.

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'चीन से जमीन वापसी की गारंटी', आखिर इसके पीछे अरविंद केजरीवाल की मंशा क्या है?

गौरतलब है कि लद्दाख की सीमा पर पिछले कई साल से चीन और भारत की सेनाओं के बीच बड़ा गतिरोध जारी है. दोनों सेनाओं के बीच गलवान घाटी में 2020 में हिंसक झड़प भी हुई थी. जिसमें भारत के 20 सैनिक और एक कमांडर शहीद हुआ था. जबकि चीन के कितने सैनिक इस झड़प में मारे गए, इसकी जानकारी नहीं हो सकी. इसके बाद भारत ने सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया था. इस मुद्दे पर दोनों देशों के संबंधों के बीच कड़वाहट आ गई थी. विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार को बार-बार घेरने की कोशिश की. यह मुद्दा बीजेपी सरकार के लिए एक बड़ा मामला बन गया है. इसे लेकर दोनों देशों में कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई खास प्रगति नहीं हो सकी है.

Tags: Arvind kejriwal, CM Arvind Kejriwal, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

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