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दरभंगा में मालिकाना हक की लड़ाई में बच्चों के मनोरंजन पर लटक रहा ताला, जंग खा रहे झूलों की टूटने लगी कमर

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दरभंगा. बिहार के शहरी निकाय अंतर्गत आने वाले अधिकांश पार्क एक साल पहले ही वन विभाग को सौंप दिए गए हैं. इसके बाद से वन विभाग ही अपने स्टाफ से इसकी देखरेख करवाता है. इसके बदले में विभाग कुछ शुल्क भी यहां टहलने आने वालों से वसूल करता है. लेकिन, दो विभागों के पेंच में फंसे दरभंगा शहर के एक शानदार पार्क में पिछले एक साल से ताला लटक रहा है.

यह पार्क बच्चों के लिए खास तौर से डेवलप किया गया था. आसपास के बच्चे यहां आए दिन आकर लटकते ताले को देखकर लौट जाते हैं. अलबत्ता, एक साल से मेंटेनेंस नहीं होने के कारण यहां के कई झूलों में जंग भी लगने लगा है. कल को जब यह पार्क खुल भी जाएगा, तो इन झूलों का आनंद शायद ही बच्चे उठा पाएं.

दो विभागों के पेंच में फंसा चिल्ड्रन पार्क
नगर निगम अंतर्गत दरभंगा शहर के चंद्रधारी सिंह संग्रहालय कैंपस में एक चिल्ड्रन पार्क डेवलप किया गया है. करोड़ों की लागत से बना यह पार्क बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाया गया था. बच्चों के लिए बना यह शहर के सबसे बड़े चिल्ड्रन पार्कों में से एक है. पार्क को बच्चों के मनोरंज के हिसाब से पूरी तरह से डेकोरेट और डेवलप किया गया है. लेकिन विभागीय खींचातानी की वजह से पार्क के मालिकाना हक के बहाने बच्चों के मनोरंजन पर ही ताला लग गया है. पार्क में बच्चों के मनोरंजन के साथ-साथ उनके गार्जियनों के टहलने की भी पूरी व्यवस्था है. यदि यह पार्क बच्चों के लिए खोल दिया जाता है, तो यहां के बच्चों के लिए यह सबसे बड़ा विभागीय गिफ्ट होगा.

संग्रहालय के अधिकारी ठोक रहे दावा
इस संदर्भ में नगर आयुक्त गौरव कुमार बताते हैं कि बनाने के बाद इस पार्क को वन प्रमंडल विभाग को सुपुर्द किया जाना था. लेकिन बाद में चंद्रधारी सिंह संग्रहालय के अधिकारियों ने खुद इसपर दावा कर दिया. उन लोगों का कहना है कि चुकी चिल्ड्रन पार्क संग्रहालय कैंपस में है, इसलिए इसका मालिकाना हक और देखरेख का जिम्मा चंद्रधारी सिंह संग्रहालय के पास होना चाहिए. इस कारण विभागीय पत्राचार चल रहा है. वरीय अधिकारियों को भी इसकी सूचना दे दी गई है. विभागीय निर्देश के अनुसारजल्द ही पार्क को खोल दिया जाएगा.

Tags: Bihar News, Darbhanga news, Local18

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