मुंबई. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के मुंबई उत्तर से उम्मीदवार पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने नेटवर्क18 के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि महाराष्ट्र के मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के प्रति सहानुभूति रखेंगे क्योंकि उद्धव ठाकरे ने उन्हें धोखा दिया है.
गोयल ने कहा, ”महाराष्ट्र की राजनीति ने 2019 में एक नया मोड़ लिया. आपको याद होगा कि 2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था. मुझे अभी भी याद है कि अपने क्षेत्र से शिवसेना सांसद को जिताने के लिए मैं घर-घर से लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की बैठकों में गया था और कहा था कि लोगों को मोदी जी को वोट देना चाहिए क्योंकि यह पीएम चुनने के लिए मोदी जी का चुनाव है. शिव सेना के सांसद मोदी जी के नाम पर चुनाव जीते हैं और उन्हें इसकी जानकारी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बार-बार कहा गया कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. यहां तक कि कई मंचों पर सार्वजनिक बैठकों में, जहां उद्धव ठाकरे जी भी मौजूद थे, यह कहा गया कि देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.”
उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांत को त्याग दिया
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया. उन्होंने मोदी जी और फडनवीस को धोखा दिया. आखिर ये हमारा गठबंधन था. गठबंधन को बहुमत मिला. किसी न किसी तरह से मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा और शायद अपने बेटे को स्थापित करने की उनकी इच्छा के चलते उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के हर उस सिद्धांत को त्याग दिया जिसके लिए शिवसेना खड़ी थी. उन्होंने हिंदुत्व का त्याग कर दिया. बाला साहेब ठाकरे का प्रसिद्ध कथन था- मैं अपनी पार्टी भंग कर दूंगा, लेकिन कांग्रेस से कभी हाथ नहीं मिलाऊंगा. उद्धव ठाकरे ने इसे छोड़ दिया.”
अधिकांश सांसद और विधायक मूल शिवसेना के साथ
उन्होंने कहा, ”तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए उद्धव ठाकरे राहुल गांधी की गोद में जाकर बैठ गए. मुझे लगता है कि इसे लेकर शिवसेना के अंदर काफी गुस्सा था. सांसदों और विधायकों को भी एहसास हो गया कि अगली बार उनके पास कोई चेहरा नहीं होगा. ऐसे में लगभग पूरी शिवसेना ने फैसला किया कि उन्हें नेता बदलना होगा. जब एकनाथ शिंदे जी को नेता बनाया गया तो कुछ लोगों ने पार्टी से बाहर रहने का फैसला किया. उनके साथ कुछ दो-चार वरिष्ठ नेता हैं. उद्धव ठाकरे का एक टूटा हुआ समूह है. अधिकांश सांसद और विधायक मूल शिवसेना के साथ हैं. तो यह कोई विभाजन नहीं है. शिवसेना बरकरार है. वह एक छोटा सा बिखरा हुआ समूह है.”
शरद पवार ने अपनी बेटी को बचाने के लिए पार्टी को उजाड़ दिया
गोयल ने आगे कहा कि इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मामले में अजीत पवार स्वाभाविक नेता हैं. शरद पवार ने अपनी बेटी को बचाने के लिए पार्टी को उजाड़ दिया. 2014 में वे भाजपा के साथ चले गए. वे 2017 और 2019 में भाजपा के साथ जाना चाहते थे और पीछे हट गए.”
मोदी जी और फडनवीस के लिए होगी सहानुभूति
यह पूछे जाने पर कि क्या ठाकरे और पवार के लिए सहानुभूति होगी, गोयल ने कहा, “सहानुभूति मोदी जी और फडनवीस के लिए होगी क्योंकि उन्हें धोखा दिया गया है. उन्हें पीठ में छुरा घोंपा गया है. अगर कोई सहानुभूति होगी तो वह इन लोगों के लिए होगी. एक हद तक अजित पवार के लिए भी, जिन्हें मोहरा बनाया गया था. उनसे कहा गया था कि 2014 में बीजेपी का समर्थन करो, जब शिवसेना हमारा समर्थन नहीं कर रही थी. 2017 में सभी विधायकों को बीजेपी का समर्थन करने को कहा गया था. फिर वे पीछे हट गए. 2019 में भी…अब खुलासा हो गया है, शरद पवार जी ने भी पुष्टि कर दी है कि उन्होंने बीजेपी के साथ जाने को कहा था. उन्होंने कहा कि यह उनकी रणनीति थी. महाराष्ट्र की जनता उनके साथ जिस तरह का दुर्व्यवहार किया गया है, उसे बर्दाश्त नहीं करेगी. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में देखता हूं कि महायुति कितनी मजबूती से खड़ी है.”
बारामती में सुप्रिया सुले जी हार रही हैं
शरद पवार की उस टिप्पणी पर कि छोटी पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो सकता है, उन्होंने कहा, ”शरद पवार जी झुक गए हैं. उन्होंने कहा है कि अब बारामती चुनाव के बाद हम या छोटी पार्टियां कांग्रेस में विलय कर सकती हैं. ये साफ हो गया है कि उन्होंने अंदाजा लगा लिया है कि बारामती में सुनेत्रा पवार जी जीत रही हैं और सुप्रिया सुले जी हार रही हैं. उनके मन में एक ही लक्ष्य है- सुप्रिया सुले जी को बचाना. हो सकता है कि उनके पास राज्यसभा की सीट न हो और वे लोकसभा सीट खो देंगे. इसलिए उन्होंने सोचा होगा कि वह सुप्रिया सुले को कांग्रेस में शामिल करा देंगे. सुप्रिया सुले जी कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं… अलग हुए समूह में कुछ नहीं बचेगा…”
कांग्रेस की बी-टीम बन गए हैं उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे वैसे भी कांग्रेस की बी-टीम बन गए हैं. वह उन्हीं के कहने पर चल रहे हैं. तुष्टिकरण की राजनीति उद्धव ठाकरे की पहचान बन गई है. हैरानी की बात है कि उन्होंने हिंदुत्व और बालासाहेब के सभी बुनियादी सिद्धांतों को त्याग दिया है.”
मुस्लिम वोट बैंक के पीछे भाग रहे हैं उद्धव ठाकरे
गोयल ने उद्धव ठाकरे की तुष्टीकरण की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा, ”हां, आजकल उद्धव ठाकरे मुस्लिम वोट बैंक के पीछे भाग रहे हैं…इसलिए मैंने कहा कि बाला साहब को आज अपने बेटे का व्यवहार देखकर बहुत दुख हो रहा होगा. लेकिन, उन्हें इस बात से संतुष्टि होगी कि शिंदे जी ने अभी भी अपने बुनियादी सिद्धांतों को बरकरार रखा है और शिवसेना उनके साथ बरकरार है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके अपने बेटे ने सिद्धांतों को छोड़ दिया है. मैं मानता हूं कि हमारी महायुति की नीति ऐसी है कि हम मुसलमानों को भी आमंत्रित करते हैं. मैं अपने क्षेत्र में देख रहा हूं कि हमारे मुस्लिम भाई बड़ी संख्या में हमारा समर्थन कर रहे हैं. वे हमारे साथ हैं.”
मुस्लिम मतदाता भी बीजेपी से खुश
यह बताते हुए कि मुस्लिम मतदाता भी बीजेपी से कैसे खुश हैं, गोयल ने कहा, ”कल, हॉकर्स का एक बड़ा ग्रुप मेरे ऑफिस में आया. उन्होंने मुझसे कहा कि मोदी जी ने उनका ख्याल रखा है. उन्होंने कहा कि मोदी जी ने उन्हें स्वनिधि और ऐसी अन्य योजनाएं दीं. उन्होंने कहा कि तीन तलाक कानून ने उनकी बेटियों का भविष्य सुरक्षित कर दिया है. उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटियों को लेकर चिंतित रहते थे. समाज के लोग अब तुष्टिकरण और ऐसे विवादित बयानों से प्रभावित नहीं होंगे. आज वे देश की मुख्यधारा में आना चाहते हैं. वे प्रधानमंत्री के साथ हैं, जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास करते हैं.”
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 19:26 IST