गोपालगंज लोकसभा सीट पर दांव पर लालू-नीतीश की प्रतिष्ठा.गोपालगंज में छठे चरण में 25 मई को है लोकसभा का चुनाव.जेडीयू और वीआईपी का गठित बिगाड़ रहा एआईएमआईएम.
गोपालगंज. गोपालगंज में लोकसभा का चुनाव छठे चरण में 25 मई को है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के गृह जिला गोपालगंज में एनडीए से जेडीयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन, महागठबंधन से वीआईपी प्रत्याशी प्रेमनाथ चंचल पासवान चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक इन दो प्रत्याशियों के बीच चुनाव को लेकर लोगों बहस चल रही थी. लेकिन, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की एंट्री के बाद मुकाबला रोचक हो गया है.
गोपालगंज संसदीय सीट पर पहली बार वीआईपी और एआइएमआइएम चुनाव लड़ रही है. इन दोनों प्रत्याशियों के सामने जेडीयू के सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. इनके अलावा बसपा से सुजीत राम, बहुजन मुक्ति पार्टी से जितेंद्र राम और कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में है. निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं, जो बड़े राजनीतिक दलों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं.
गोपालगंज समेत पूरे बिहार में माय समीकरण पर अबतक चुनाव लड़ते आ रही आरजेडी अब ए-टू जेड की पार्टी होने का दावा करती है. उधर, मरहूम सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को टिकट नहीं मिलने और आरजेडी की ओर से कैंडिडेट्स उतारने का असर भी गोपालगंज के अल्पसंख्यक वोटरों पर दिख रहा है और कई जगह खुलकर विरोध भी शुरू हो गया है.
मुस्लिम वोटों पर नीतीश कुमार की नजर
महागठबंधन से अल्पसंख्यक वोटरों को खिसकते देख बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल यानी 12 मई को बैकुंठपुर विधानसभा के महम्मदपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार गोपालगंज में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. सीवान में हिना शहाब को निर्दलीय लड़ने और उनके विरुद्ध राजद द्वारा उम्मीदवार उतारने से नाराज अल्पसंख्यकों को देख जदयू उन वोटरों को साधने में लगी है और लगातार अल्पसंख्यक के बीच गोपालगंज में बैठक कर रही है.
महागठबंधन और एनडीए का सियासी संघर्ष
इधर, महागठबंधन की ओर से बैकुंठपुर विधायक प्रेमशंकर यादव, विधायक राजेश कुशवाहा, अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के पूर्व अध्यक्ष रियाजुल हक राजू, आरजेडी जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह ने वीआईपी प्रत्याशी प्रेमनाथ चंचल के लिए एड़ी-चोटी एक कर दी है. गोपालगंज में पिछले 10 साल में एनडीए सांसदों के द्वारा धरातल पर किये गए कार्यों को जनता के समक्ष रख रहे हैं और नए एवं युवा सांसद को चुनने की अपील कर रहे हैं.
गोपालगंज में लालू-नीतीश की प्रतिष्ठा की लड़ाई
इधर, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव का गृह जिला होने की वजह से यह सीट राजद सुप्रीमो की प्रतिष्ठा बन गई है. वहीं, जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और नीतीश कुमार के भरोसेमंद सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. नीतीश कुमार के लिए यह प्रतिष्ठा बन गई है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद गोपालगंज जिले के प्रत्येक विधानसभा में चुनावी जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंच रहें हैं. हालांकि वोटर शांत हैं, किनके साथ जाएंगे पत्ता नहीं खोल रहे हैं.
इन प्रत्याशियों के बीच होगा जोरदार मुकाबला
गोपालगंज सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में जोरदार मुकाबला होगा. इसमें एनडीए के उम्मीदवार जेडीयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन, महागठबंधन के वीआईपी पार्टी के प्रत्याशी प्रेमनाथ चंचल, एआइएमआइएम के दीनानाथ मांझी, बसपा से सुजीत कुमार राम, बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रत्याशी जितेन्द्र राम, गण सुरक्षा पार्टी से रामकुमार मांझी, भारतीय राष्ट्रीय दल के सुरेंद्र राम, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी सत्येंद्र की बैठा, नमी राम, अनिल राम तथा भोला की हरिजन चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव आयोग की ओर से चुनाव चिह्न मिलने के बाद राजनैतिक दल के प्रत्याशियों के साथ-साथ पांच निर्दलीय प्रत्याशी भी अपने चुनाव चिह्न के साथ गांवों में जाकर वोट मांग रहें हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 13:10 IST