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मछली खाने के हैं शौकीन…? तो यहां चले आएं, मिलेगा अलग स्वाद, टेस्ट ऐसा कि चाटते रह जाएंगे उंगलियां

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आशीष कुमार/ पश्चिम चम्पारण. बिहार का पश्चिम चम्पारण जिला अपने ज़ायकेदार तथा लजीज़ नॉन वेज व्यंजन के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. खासकर अगर बात की जाए हांडी मटन यानी चम्पारण के प्रसिद्ध अहुना मीट तथा मटन कबाब की तो इसके स्वाद का तोड़ आपको पूरी दुनिया में कहीं भी नहीं मिलेगा. इसी क्रम में आज हम आपको चम्पारण में बनाई जाने वाली मछलियों के उन प्रसिद्ध डिश को बताने वाले हैं, जिसे खाने के लिए लोग दूर–दूर से चले आते हैं. बता दें कि मछलियों की ये डिश पश्चिम चम्पारण जिले के मधुबनी प्रखंड स्थित धनहां क्षेत्र में ही बनाई जाती है. जिसे खाने के लिए बिहार के ज्यादातर जिलों सहित उत्तर प्रदेश के कुशीनगर एवं गोरखपुर तथा पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग खींचे चले आते हैं.

जिस प्रकार पश्चिम चम्पारण ज़िले के नौतन प्रखंड का बनहौरा बाज़ार, मटन सीक कबाब के लिए प्रसिद्ध है. ठीक उसी प्रकार जिले के मधुबनी प्रखंड का धनहां बाज़ार भी विभिन्न प्रजाति की मछलियों के लजीज़ डिश के लिए प्रसिद्ध है. यहां के स्थानीय लोग हर रोज़ नदी से दर्जनों प्रजाति की मछलियों एवं झींगे को हार्वेस्ट करते हैं.उसके बाद उसे अच्छे से साफ करके कई प्रकार के मसालों के मिश्रण से फिश करी तथा फिश फ्राई जैसी डिश बनाने हैं.स्थानीय निवासी तथा दुकानदार पुष्प राज बताती हैं कि वो अपने पति के साथ पिछले 6 वर्षों से ये काम करती आ रही हैं. बाज़ार में मौजूद हर एक दुकान में क़रीब 8 प्रकार की मछलियों की फ्राई एवं करी वाली डिश बनाई जाती है. इनमें चेपवा, बैखी, रोहू, पट्या, पोठिया, टेंगरा तथा झींगा जैसी मछलियां खास हैं.

400 से लेकर 1200 रूपए किलो तक की कीमत
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से, 65 किलोमीटर की दूरी तय कर बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले के मधुबनी प्रखंड के धनहा पुल आए विनय मिश्रा बताते हैं कि, वो पिछले पांच वर्षों से लगातार यहां सिर्फ मछलियों के डिश खाने आते हैं.उनका दावा है कि ऐसे स्वाद वाली मछलियों की डिश उन्होंने अबतक कहीं और नहीं खायी है.यही कारण है कि यूपी के कई क्षेत्रों से लोग यहां मछली खाने हेतु खींचे चले आते हैं. दुकानदार अजय सिंह बताते हैं कि मछलियों की प्रजाति के अनुसार, यहां फिश फ्राई की कीमत 400 रूपए प्रति किलो से लेकर 1200 रूपए प्रति किलो तक है.सबसे अधिक कीमत बड़े आकार वाले झींगे की होती है, जिसे मुख्य रूप से फ्राई के रूप में बनाया जाता है.

बिहार–यूपी तथा नेपाल से आते हैं लोग
स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि हर दिन एक दुकानदार औसतन 30 किलो तक मछली की खपत कर लेता है. यहां विभिन्न मछलियों से फिश फ्राई तथा फिश करी जैसे दो डिश तैयार किए जाते हैं.इनके बेजोड़ स्वाद के लिए इनमें कुछ खास मसाले मिलाए जाते हैं, साथ ही हर दिन नदी से निकली ताज़ी मछलियों को ही डिश हेतु चुना जाता है.इसे खाने के लिए बिहार के सिवान, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज सहित यूपी के कुशीनगर एवं गोरखपुर तथा पड़ोसी देश नेपाल तक से लोग आते हैं.

Tags: Food, Food 18, Local18

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