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शेयरों का बीमा, चंद पैसों में करें लाखों की सुरक्षा, नुकसान से बचेंगे और फायदे रहेंगे, 90% निवेशक इससे अनजान

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Stock Market Knowledge: पिछले एक सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट का एक दौर देखने को मिला. निफ्टी और सेंसेक्स में रिकॉर्ड स्तरों पर बिकवाली होने मार्केट तेजी से नीचे आया. ऐसे में जिन लोगों ने महंगे भाव पर शेयर खरीदे, उन्हें लॉस हो गया. वैसे तो शेयर बाजार में नफा और नुकसान चलता रहता है. आज किसी शेयर का भाव बढ़ा है तो कुछ दिन बाद गिरेगा या फिर जो गिरा है वो आगे चढ़ेगा. लेकिन, समझदार निवेशक वह है जो शेयरों के गिरने पर भी फायदे में रहे. आप सोचेंगे कि ऐसा कैसे मुमकिन है अगर कोई शेयर 100 रुपये पर खरीदा और वह टूटकर 90 रुपये आ गया तो 10 रुपये का लॉस तो हुआ है. जी, बिल्कुल नुकसान हुआ है लेकिन इस नुकसान की भरपाई ‘हेजिंग’ करके की जा सकती है.

मार्केट में काम करने वाले 90 फीसदी लोग हेजिंग के बारे में नहीं जानते हैं या जो जानते हैं वह भी इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं. लेकिन, शेयर बाजार में बड़ा पैसा लगाने पर अपनी पॉजिशन को ‘हेज’ करना बहुत जरूरी होता है. सीधे शब्दों में कहें तो हेजिंग, एक प्रकार का बीमा है जो शेयरों के भाव गिरने की स्थिति में सारे नुकसान की भरपाई कर देता है. आइये आपको बताते हैं कैसे?

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क्या है हेजिंग टूल

स्टॉक मार्केट में निवेश करना हमेशा बाजार जोखिमों के अधीन रहता है, यह हम सभी जानते हैं. देश-विदेश में होने वाले हर अच्छे-बुरे घटनाक्रम का बाजार पर गहरा असर पड़ता है. इस वजह से मार्केट में तेजी और मंदी दोनों आती है. इसलिए यहां अपने निवेश को सिक्योर करना बहुत जरूरी है. इस नुकसान की भरपाई शेयर बाजार में F&O यानी फ्यूचर एंड ऑप्शन के कॉन्सेप्ट को लाया गया है, जिसे हेजिंग टूल कहा जाता है.

हेजिंग, एक ऐसा तरीका जिसके जरिए आप अपनी पॉजिशन की सुरक्षा करते हैं. मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, शेयर बाजार में हेजिंग का मतलब रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी यानी जोखिम प्रबंधन रणनीति है. हेजिंग की सुविधा शेयर, बॉन्ड, कमोडिटी और करेंसी सभी मार्केट में उपलब्ध है. हेजिंग टूल का इस्तेमाल निवेशक शेयरों की कीमत में होने वाले से संभावित नुकसान को कम करने के लिए करते हैं.

शेयरों में कैसे करें हेजिंग?

हेजिंग के महत्व का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि FII,FPI और HNIs जैसे बड़े संस्थागत निवेशक भी इसका इस्तेमाल करते हैं. चलिये आपको हेजिंग का महत्व एक आसाना उदाहरण के जरिए समझाते हैं.

मान लीजिये आप किसी कंपनी के शेयर पर बहुत बुलिश हैं और आपको लगता है कि शेयर का भाव यहां से ऊपर जाएगा. ऐसे में आपने 100 रुपये के भाव पर 5000 शेयर खरीदे यानी 5 लाख रुपये का निवेश कर दिया. अगर इस शेयर का भाव 1 रुपये भी गिरता या बढ़ता है तो आपको 1000 रुपये का नुकसान होगा. अगर शेयर का भाव 10 रुपये चढ़ गया तो सीधे 50,000 रुपये का फायदा लेकिन 10 रुपये गिरा तो 50,000 का नुकसान. फायदा तो सब चाहते हैं लेकिन नुकसान कोई नहीं चाहता है. ऐसे में लॉस से बचने के लिए F&O सेगमेंट में हम उस शेयर का पुट बाय कर सकते हैं. दरअसल कॉल और पुट, तेजी व मंदी के लिए खरीदे जाते हैं. वे शेयर जो F&O सेगमेंट में लिस्टेड होते हैं उनमें कॉल और पुट ऑप्शन खरीदने का विकल्प मिलता है.

कॉल और पुट ऑप्शन खरीदने के लिए प्रीमियम अदा करना पड़ता है. चूंकि, आपने 5 लाख रुपये के शेयर खरीदे हैं और आपको लगता है कि इसका भाव ऊपर जाएगा. लेकिन, अगर 10 रुपये नीचे चला जाता है तो सीधे 50,000 का नुकसान होगा. ऐसे में आप गिरावट से होने वाले नुकसान से बचने के लिए 100 रुपये के स्ट्राइक प्राइस का पुट ऑप्शन खरीद लें. पुट ऑप्शन का लॉट साइज 5000 शेयर का हुआ तो गिरावट पर पुट ऑप्शन की वैल्यू बढ़ती जाएगी.

अगर पुट ऑप्शन आपने 5 रुपये के भाव पर खरीदा और लॉट साइज 5000 रहा तो आपको कुल 25,000 रुपये का प्रीमियम देना होगा. कैश में 5 लाख रुपये की पॉजिशन को प्रोटेक्ट करने के लिए 25,000 का इंश्योरेंस बुरा नहीं है. यदि शेयर मौजूदा भाव से 10 रुपये गिर जाता है तो आपको कैश पॉजिशन में 50,000 का लॉस होगा लेकिन पुट का प्रीमियम बढ़कर 15 रुपये हो गया तो आप 50,000 के मुनाफे में रहेंगे. ऐसे में पुट बेचकर आप अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.

याद रखें पुट ऑप्शन मंथली एक्सपायर हो जाते हैं यानी सिर्फ एक महीने तक की अवधि के होते हैं. ऐसे में इनका इस्तेमाल F&O मार्केट की समझ विकसित करके करना चाहिए. क्योंकि, कॉल व पुट ऑप्शन को कहां और किन परिस्थितियों में क्लोज करना चाहिए इसका ज्ञान होना जरूरी है. आप चाहें तो गिरावट से होने वाले नुकसान से बचने के लिए पुट खरीदने के बजाय कॉल ऑप्शन बेच भी सकते हैं लेकिन ऑप्शन सेलिंग में मार्जिन की रिक्वायरमेंट ज्यादा होती है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में निवेश अत्यंत जोखिम भरा होता है इसलिए F&O में ट्रेड करने से पहले किसी सर्टिफाइ़ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)

Tags: Business news in hindi, Multibagger stock, Share market, Stock market today

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