नई दिल्लीः कथित लैंड स्कैम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से 17 मई तक जवाब मांगा है. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन की तरफ से दलील रखी. वहीं दूसरी तरफ झारखंड के एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन को बड़ा झटका दिया है. गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शुरू में मामले की सुनवाई 20 मई को सूचीबद्ध की थी लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि तब तक चुनाव खत्म हो जाएगा और अगर मामले में लंबी तारीख दी गई तो वह (सोरेन) पक्षपात का शिकार होंगे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मई के लिए निर्धारित कर दी.
सिब्बल ने सोरेन का पक्ष रखते हुए पीठ को बताया, ”मेरा मामला भी अरविंद केजरीवाल के आदेश के हूबहू है और मुझे भी प्रचार अभियान के लिए जमानत की जरूरत है.” पीठ ने कहा कि इस सप्ताह बहुत ज्यादा काम है और बहुत से मामले सूचीबद्ध हैं. शीर्ष अदालत ने तारीख 20 मई से बदलने पर अनिच्छा जताई लेकिन सोरेन की ओर से पेश हुए सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ चौधरी के अनुरोध पर सुनवाई की तारीख को बदलकर 17 मई कर दिया गया.
पीठ ने कहा, ”हमें नहीं पता कि मामले पर सुनवाई हो पायेगी या नहीं लेकिन फिर भी हम इसे 17 मई के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं.” सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने तीन मई को खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया.
सोरेन ने गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर अदालत का फैसला आने तक लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी मांगी थी. शीर्ष अदालत ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी. केजरीवाल को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.
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FIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 14:11 IST