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CSIR ने कर्मचारियों को हर सोमवार बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनकर आने को कहा, कारण जान आप हो जाएंगे हैरान

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CSIR- India TV Hindi

Image Source : FREEPIK
प्रतिकात्मक फोटो

द काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने अपने कर्मचारियों को हर सोमवार बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनकर आने को कहा है। CSIR ने इसके पीछे की कारण भी बताया है। दरअसल CSIR ने हाल ही में ‘रिंकल्स अच्छे हैं’ नाम से एक अभियान शुरू किया है, जिसमें पूरे देश के अपने लैब और कर्मचारियों से 15 मई तक हर सोमवार को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने को कहा है।

इसके पीछे दिया ये तर्क

CSIR ने इसके पीछे का तर्क बताते हुए कहा कि ये कदम वैज्ञानिक समुदाय में ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण की स्थिरता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के बीच किया जा रहा है और इसका उद्देश्य रोजाना हो रहे कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) को कम करना है। इस अभियान के जरिए पारंपरिक इस्त्री से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को दुनिया सामने लाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए  CSIR ने 3 मई को एक सर्कुलर भी जारी किया। इसके मुताबिक, कपड़े इस्त्री करने से काफी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड पैदा हो सकता है, जो कि जलवायु परिवर्तन में बड़ा योगदान देने वाली ग्रीनहाउस गैस है।

‘पैदा होता है 200 ग्राम CO2​’

इस बारे में साइंटिफिक और इंडस्ट्रियल रिसर्च विभाग की सचिव और CSIR की पहली महिला डायरेक्टर डॉ. एन कलाईसेल्वी ने बात करते हुए कहा, “कपड़ों के हर सेट को इस्त्री करने से 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) पैदा होता है। ऐसे में अगर हम बिना इस्त्री किए कपड़े पहने तो इससे 200 ग्राम तक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकता है।”

सर्कुलर में आगे कहा गया है, “ हमें इसे चुनौती की तरह हफ्ते में कम से कम एक दिन बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनना होगा, जिसका साफ मतलब है कि कपड़ों पर इस्त्री न करना और साथ ही सिलवटों को गले लगाना। एनर्जी खर्च कम करें और पर्यावरण के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता दिखाएं।”

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