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मदरसे में तालीम दिलाने के नाम पर ले जा रहे थे 93 बच्चे, इस टीम ने ट्रेन से किया रेस्क्यू, आरपीएफ के हत्थे चढ़ा तस्कर

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अररिया. बिहार में मानव तस्करी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर वर्ष सैकड़ों बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं. खासकर बिहार के सीमांचल इलाके में सबसे अधिक मानव तस्करी होती है. अभिभावकों को प्रलोभन देकर उनके बच्चे को ले जाते हैं और देश के अलग-अगल हिस्से में मजदूरी करवाते हैं. इसका पूरा रैकेट चलता है. अररिया के 93 बच्चों को मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने प्रयागराज स्टेशन से मुक्त कराया है. इन बच्चों को हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली के विभिन्न मदरसों में तालीम देने बहाने ले जा रहे थे. मानव तस्करों से बच्चों को मुक्त कराकर इसकी जानकारी प्रयागराज की मानव तस्करी विरोधी यूनिट के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह ने अररिया जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया. इस कार्रवाइ में 9 तस्कर को भी हिरासत किया है. अररिया जिला प्रशासन बच्चों को वापस लाने की तैयारी में जुट गया है.

सीमांचल एक्सप्रेस से बच्चों को कराया गया मुक्त

दरअसल, मानव तस्करी विरोधी यूनिट के बचपन बचाओ आंदोलन के कोऑर्डिनेटर को सूचना मिली कि अररिया से सीमांचल एक्सप्रेस में बच्चों को भेड़-बकरियों की तरह बिठाकर कहीं ले जाया जा रहा है और सभी बच्चे भूखे हैं. सूचना मिलते हीं प्रयागराज स्टेशन पर संस्था के सदस्य और आरफीएफ के अधिकारी व जवान के साथ बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक प्रोजेक्ट अधिकारी चंदन गुप्ता ने ट्रेन के रूकते हीं तालाशी अभियान शुरू कर दिया. तालाशी के क्रम में ट्रेन के कोच संख्या एस-6, एस-7 और एस-8 में छापेमारी की. छापेमारी के क्रम में हीं सभी 93 बच्चों को मुक्त करा लिया गया. बच्चों के पूछताछ के दौरान 9 मानव तस्करों का नाम समाने आया, जिसे ट्रेन पर से हीं हिरासत में ले लिया गया.

चाइल्ड लाइन प्रयागराज में सुरक्षित है सभी बच्चे

गिरफ्तार तस्करों में मो. मुद्दिसर, जावेद अख्तर, मो. इश्तियाक आलम, मो. शमशेर आलम, मुजफ्फर आलम, मो. अकबर, मो. सऊद आलम, मो. जलालुद्दीन, मो. मंजर आलम आलम है और सभी अररिया जिला के विभिन्न हिस्सों के रहने वाले हैं. गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है. वहीं मुक्त कराए गए बच्चों को चाइल्ड लाइन प्रयागराज में रखा गया है. सभी तस्कर अपने-अपने क्षेत्र से बच्चों का ग्रुप बनाकर पढ़ाने के नाम पर ले जा रहे थे. पूछताछ के दौरान तस्करों ने कोई वैध दस्तावेज संस्था को उपलब्ध नहीं करा पाया. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी बच्चों से बाल मजदूरी कराई जाती. हालांकि सूचना मिलते ही अररिया प्रशासन प्रयागराज प्रशासन से संपर्क कर बच्चों की वापस लाने में जुट गई है.

Tags: Bihar News, Local18

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