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FPI ने 5 दिन में बेच दिए ₹18,380 करोड़ के शेयर, विदेशी निवेशक क्‍यों नहीं कर रहे भारतीय बाजार में ‘फील गुड’? जानिए

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हाइलाइट्स

शुक्रवार को FPI ने 25.4 करोड़ डॉलर के शेयर बेचे. कारोबारी हफ्ते में DII ने अच्‍छी खरीदारी की. अप्रैल में भी एफपीआई ने पैसा निकाला था.

नई दिल्‍ली. भले ही शुक्रवार को शेयर बाजार (Stock Market) में तेजी नजर आई, लेकिन लेकिन 2 मई से 9 मई तक सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली. कारोबारी सप्‍ताह के दौरान सेंसेक्‍स 1.84 फीसदी टूट गया. वहीं, निफ्टी 50 में 2.32 फीसदी की गिरावट आई. शेयर बाजार में आई इस गिरावट की प्रमुख वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की गई भारी बिकवाली है. शुक्रवार 10 मई को समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते में एफपीआई ने करीब 18,380 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. यह पिछले 16 हफ्तों में उनकी सबसे बड़ी बिकवाली है. एफपीआई ने इससे पहले 19 जनवरी 2024 को समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते में इससे बड़ी बिकवाली की थी. तब उन्होंने 5 दिनों में 2.4 अरब डॉलर के भारतीय शेयर बेचे थे. कारोबारी सप्‍ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को भी विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की.

शुक्रवार को FPI ने 25.4 करोड़ डॉलर (करीब 2,100 करोड़ रुपये) की इक्विटी बेची. दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कारोबारी हफ्तेके दौरान 2 अरब डॉलर से कुछ अधिक की खरीदारी की, जिससे बाजार को कुछ राहत मिली. भारतीय शेयर बाजार में FPIs पिछले सात दिनों से शुद्ध बिकवाल बने रहे. एफपीआई के भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालने के पीछे कई कारण हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चिततता, चीन और हांगकांग के बाजारों का अच्‍छा प्रदर्शन और भारत तथा दूसरे बाजारों के बीच आया वैल्‍यूएशन गैप कुछ प्रमुख कारण हैं, जिनके वजह से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं.

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क्‍यों भाग रहे हैं उल्‍टे पैर
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोजित फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज के मुख्यनिवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा,”जब तक चीन और हांगकांग के बाजारों का इस तरह बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा, FPI की बिकवाली जारी रहने की संभावना है.” चीनी शेयर मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स- शंघाई कंपोजिट – पिछले एक महीने के दौरान 4.5% तक बढ़ गया हैऋ. इसी तरह, हांगकांग का हैंग सेंग पिछले एक महीने में 13.4% बढ़ा है. इसकी तुलना में बेंचमार्क निफ्टी-50 में इस अवधि के 2.1 फीसदी की गिरावट आई.

बाजार जानकारों का कहना है कि भारत और दूसरे शेयर बाजारों के बीच वैल्यूएशन गैप भी हाल में काफी बढ़ा है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, निफ्टी फिलहाल में अगले साल की अपनी अनुमानित कमाई के 19.2 गुना पर कारोबार कर रहा है, जबकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स का वैल्यूएशन 11.1 गुना है. इसके अलावा, हैंग सेंग अगले साल की अपनी अनुमानित कमाई के 9.2 गुना पर काफी सस्ता है.

Tags: Business news in hindi, FPI, Share market, Stock market

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