कोरबा. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में घर-घर में सुबह की शुरुआत प्रतिदिन बोरे बासी खाने से होती है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बोरे बासी का सेवन करते हैं. छत्तीसगढ़ में गर्मी के मौसम में लोग इसका सेवन ज्यादा करते हैं. बोरे-बासी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह सेहत और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है. बोरे बासी को लेकर हमारे संवाददाता ने आयुर्वेद विशेषज्ञ से बात की…
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया की बोरेबासी छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य वर्धक स्वादिष्ट भोजन है. खास तौर पर इसका सेवन गर्मी के दिनों में किया जाता है. बासी चावल की तासीर ठंडी होती है. इसी वजह से ये शरीर को गर्मी से बचाता है, और शरीर का तापमान ठंडा रखता है. बासी हमारी आंतो में मित्र सूक्ष्मजीवों की पर्याप्त वृद्धि करता है जिससे पाचन तंत्र बेहतर होता है. साथ ही बासी में फाइबर की मात्रा भी काफी अधिक होती है, जिससे कब्ज को दूर कर शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है. ज्यादातर ये कहा जाता है कि चावल खाने से वजन बढ़ता है. लेकिन बासी चावल वजन को कम करने में काफी असरदार है.
बी12 का अच्छा स्रोत है बोरे-बासी
ताजा बनाए हुए चावल में बासी चावल की तुलना में कैलोरी अधिक होती है, जबकि बासी चावल में कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है. जिससे ये वजन घटाने में भी अत्यधिक कारगर है. बासी न केवल पेट से संबंधित समस्याओं से निजात दिलाता है, स्किन को भी बेहतर बनाता है एवं आयरन, कैल्शियम, पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ साथ विटामिन बी12 का सबसे अच्छा श्रोत है.
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार ने छत्तीसगढ़ की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए कई योजना चलाई जिसमें बोरे बासी को भी शामिल किया गया था. 1 मई को मजदूर दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में बोरे बासी खाने का चलन पड़ा. अब छत्तीसगढ़ के अलावा बाहर के लोग भी बोरे बासी को जानने लगे है.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 17:33 IST