Uttarpradesh || Uttrakhand

himchal-tourism-business-in-shimla-reduced-by-10-to-15-percent-due-to-kashmir-tourism – News18 हिंदी

Share this post

Spread the love

पंकज सिंगटा/शिमलाः शिमला में पर्यटकों की आमद में बीते वर्ष के मुकाबले गिरावट दर्ज की जा रही है. इसका एक मुख्य कारण चुनाव भी माना जा सकता है. बीते वर्ष के मुकाबले होटलों की ऑक्युपेंसी में इस वर्ष 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि वीकेंड्स पर अच्छी संख्या में पर्यटक हिमाचल पहुंच रहे हैं. गर्मियां शुरू होने के बाद यह पहला ऐसा वीकेंड है, जब होटलों में ऑक्यूपेंसी करीब 60 से 70 फीसदी पहुंच चुकी है. शिमला के मॉल रोड सहित रिज मैदान पर शनिवार शाम को अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली.

Local 18 से बातचीत में होटल कारोबारी प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि गर्मियां शुरू होने के बाद यह पहला वीकेंड हैं, जब अच्छी संख्या में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं. इस वीकेंड पर होटलों में करीब 60 से 70 फीसदी ऑक्युपेंसी देखने को मिल रही है. वीकडेज में यह ऑक्युपेंसी करीब 30 से 40 प्रतिशत तक रहती है.

डे विजिटर्स की संख्या में बढ़ोतरी
शिमला के लिए सड़कों की बेहतर सुविधा होने के बाद, भारी संख्या में पर्यटक शिमला तो पहुंचता है, लेकिन वह शिमला में रुकता नहीं है. ऐसे पर्यटक दिनभर में शिमला घूमने के बाद शाम को वापस अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाते हैं. डे विजिटर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और इस कारण होटलों की ऑक्युपेंसी में भी गिरावट देखने को मिली है. इसके अलावा होटलों में कम ऑक्युपेंसी का कारण यह भी है कि लोग होमस्टे और बिएनबी(बेड एंड ब्रेकफास्ट) में रुकना पसंद करते हैं.

क्या कश्मीर का हिमाचल में असर?
कश्मीर अब पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. इस कारण भी कहीं न कहीं हिमाचल के पर्यटन पर असर देखने को मिल रहा है. प्रिंस कुकरेजा का कहना है कि कश्मीर खुलने से हिमाचल पर्यटन पर थोड़ा बहुत असर पड़ा है, क्योंकि कश्मीर बहुत समय से बंद था. लोग कश्मीर का दीदार करना चाहते है. हालांकि शिमला दुनिया के मानचित्र पर है, इस कारण लोग शिमला का रुख भी करते हैं. इसलिए कश्मीर के खुलने से शिमला के पर्यटन पर थोड़ा बहुत असर ही देखने को मिलेगा.

Tags: Business news, Himachal news, Local18, Shimla News, Shimla Tourism

Source link

Author:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ख़ास ख़बरें

ताजातरीन

× How can I help you?