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पति की मौत के बाद नहीं हारी हिम्मत! सब्जी बेचकर बेटी को डॉक्टर तो बेटे को बनाया प्रोफेसर, जानिए कमलाबाई उखद्दू की कहानी

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बुरहानपुर: मन तो मां होती है. कई कठिन परिश्रम और कई परेशानियों का सामना कर कर अपने बच्चों को उत्कृष्ट स्थान पर बैठाने के लिए वह दिन-रात मेहनत करती है. कई परेशानी को झेलती है,लेकिन हिम्मत नहीं हारती है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की रहने वाली कमलाबाई उखद्दू भी एक मिशाल हैं. वह लालबाग क्षेत्र में रहती हैं. पति की मौत के बाद बच्चों के सपने टूट गए थे, लेकिन उन्होंने लालबाग क्षेत्र में रहकर ही सब्जी भाजी-भेजी बेच कर बेटी को डॉक्टर और बेटे को प्रोफेसर बना दिया.

सब्जी बेचने वाली मां ने दी जानकारी
कमलाबाई उखद्दू चौधरी ने लोकल 18 को अपनी संघर्ष की कहानी साझा की. उन्होंने बताया कि मेरे पति का देहांत हो गया था. मेरे बच्चे पढ़ाई जारी रखना चाहते थे, लेकिन उनके सपने टूट गए थे. मैं लालबाग के चिंचाला क्षेत्र में रहती हूं और लालबाग सब्जी मंडी में सब्जी भाजी बेचकर बेटी को डॉक्टर और बेटे को प्रोफेसर बना दिया है. मैं चाहती थी कि मैंने खुद और मेरे पति ने पढ़ाई नहीं की है, लेकिन वह दोनों पढ़ाई लिखाई कर अच्छे अफ़सर बने आज मेरा संघर्ष कामयाब हो गया है. बेटी संगीता का जामनेर में विवाह हो गया है. बेटा दशरथ चौधरी जलगांव में कॉलेज में प्रोफेसर है.

टीन के मकान में रहती है कमलाबाई
क्षेत्र के रुद्रेश्वर एंडोलें और आशीष शुक्ला ने बताया कि कमलाबाई का बड़ा जीवन संघर्ष भरा हुआ है. हम बचपन से ही महिला को देख रहे हैं कि महिला सब्जी भाजी बेच कर अपने बच्चों को पढा लिखाकर बड़ा आदमी बनाया. मदर्स डे पर आज हम उनको नमन करते हैं.

कमलाबाई ने बनवाया माता का मंदिर
कमलाबाई का कहना है कि मुझे श्री सप्तश्रृंगी माता का बहुत आशीर्वाद है. इसलिए मैंने माता के मंदिर का निर्माण भी करवाया है. इन्होंने 1 अप्रैल 1988 में यह मंदिर बनवाया था. क्षेत्र के राकेश चौकसे कहते हैं कि महिला 40 वर्षों से सब्जी भाजी बैच रही है. उधारी से लेकर कई लोगों को निशुल्क भी सब्जी दे देती हैं.

FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 18:52 IST

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