चांद सी सूरत का जिक्र आपने भी कई बार सुना होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि आप चंद्रमा का सिर्फ एक हिस्सा ही देख पाते हैं. उसका दूसरा हिस्सा कभी धरती से दिखाई नहीं देता. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? हम कभी चंद्रमा का दूसरा भाग क्यों नहीं देख पाते? नासा का एक अंतरिक्ष यान चंद्रमा के सुदूर हिस्से तक और उसकी तस्वीरें खींची हैं. जो काफी मनमोहक हैं.
धरती से हमें ऐसा लगता है कि चांद बिल्कुल नहीं घूमता, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. वह पृथ्वी की तरह ही अपनी धुरी पर घूमता है. लेकिन चंद्रमा हमारे ग्रह से ज्वारीय रूप से घिरा हुआ है. इसका मतलब है कि चंद्रमा को अपनी धुरी पर घूमने में उतना ही समय लगता है जितना पृथ्वी की परिक्रमा करने में लगता है. लगभग एक महीना. इसलिए वह हमें घूमता हुआ नजर नहीं आता. यह घटना दो खगोलीय पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण की वजह से होती है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साइंटिस्ट रॉबर्ट टायलर ने लाइव साइंस से कहा, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच का आकर्षण दोनों पिंडों को विकृत कर देता है. यह उन्हें एक-दूसरे की ओर थोड़ा सा खींच देता है, जिससे ये फुटबाल के आकार में हो जाते हैं. कोई भी तरल पदार्थ और ठोस पदार्थ तुरंत प्रतिक्रिया करें, तो यही आकार होगा. लेकिन चंद्रमा और पृथ्वी दोनों को बनाने वाले तरल पदार्थ और ठोस पदार्थ तुरंत प्रतिक्रिया नहीं कर सकते. जब दो पिंड एक-दूसरे पर खींचते हैं, तो वे घर्षण पैदा करते हैं जो दोनों वस्तुओं के घूमने को धीमा कर देता है.
चंद्रमा समुद्र को खींच रहा
रॉबर्ट टायलर ने कहा, इसे ऐसे समझें कि चंद्रमा समुद्र को खींच रहा है, इसलिए समुद्र का एक हिस्सा इस तरह से फैलने की कोशिश कर रहा है कि एक उभार बनेगा, जो चंद्रमा के ठीक नीचे होगा. लेकिन ज्वार समुद्र को नीचे खिंच रहे हैं. उसे धरती पर रखने की कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से यह स्थिर हो जाता है. यह ठीक वैसा ही होता है जैसे चंद्रमा पर चट्टानें पृथ्वी के खिंचाव के कारण खिसक जाती हैं. चट्टानें लचीली नहीं होतीं. इसलिए जब वे मुड़ती हैं, तो ऊर्जा मांगती हैं. यह ऊर्जा शरीर के घूमने से आती है. इससे धरती के सापेक्ष चंद्रमा का घूर्णन धीमा हो जाता है.
चंद्रमा भी पृथ्वी के घूमने की गति को कम कर रहा
अब तो चंद्रमा भी पृथ्वी के घूमने की गति को कम कर रहा है. अगर चंद्रमा धरती के घूमने को काफी धीमा कर देगा तो हम चांद से भी धरती का केवल एक ही हिस्सा देख पाएंगे. लेकिन अभी 50 अरब वर्षों तक ऐसा नहीं होने वाला. तब तक हम पृथ्वी से सीधे चंद्रमा का सुदूर भाग कभी नहीं देख पाएंगे. हालांकि, सोवियत अंतरिक्ष यान लूना 3 ने 1959 में चांद के दूसरे हिस्से की तस्वीर ली थी. तब से कई यान इसकी तस्वीर खींच चुके हैं. तस्वीरें देखने से पता चलता है कि चंद्रमा का दूर का हिस्सा गड्ढों से ढका हुआ है. पास के हिस्से की तुलना में कम बड़े और काले धब्बे हैं, जिन्हें मारिया कहा जाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 19:08 IST