समस्तीपुर. यह खबर उन महिलाओं के लिए है जो बेरोजगार हैं और घर पर रह रही हैं. वे अपना घर छोड़े बिना यानी घर पर ही रहकर केले थम से रेशा तैयार कर विभिन्न प्रोडक्ट तैयार कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं. लेकिन उन्हें डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा फिर वहां आपको उपकरण भी उपलब्ध कराया जा सकता है, अगर चाहे तो आप उपकरण खरीदकर घर बैठे केला थम का विभिन्न तरह का प्रोडक्ट तैयार कर सकते हैं और लोकल स्तर से लेकर नेशनल स्तर तक अपनी तैयार प्रोडक्ट को सप्लाई कर सकते हैं.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत अलका कुमारी ने जानकारी दी है कि आसपास के किसानों द्वारा केले की खेती बड़े पैमाने से लेकर छोटे पैमाने पर की जाती है. जब केले के फल तैयार होने के बाद किसानों द्वारा केले की कटाई की जाती है, जिन केले के पेड़ों को कचरा समझ कर फेंक दिया जाता था, अब उन्हीं का सही तरीके से उपयोग कर इनकम जनरेट कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि केले के पेड़ के तने से फाइबर बनाया जाता है.
यह भी पढ़ें- क्या हुआ तेरा वदा! घरवालों के खिलाफ जाकर की लव मैरिज, 20 दिन बाद गर्भवती पत्नी को छोड़ पति हुआ फरार, फिर..
ऐसे किया जाता है तैयार
एक मशीन के जरिये, तने के दो भाग किए जाते हैं और उससे सारा रस निकाला जाता है. इसके बाद, रस निकले हुए तने को छांव में सुखाया जाता है, फिर उससे रेशा यानी फाइबर तैयार किया जाता है. रेशा तैयार हो जाने के बाद उसके कई अन्य प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं जैसे कारपेट, बैग, टोपी और घर के सजावट की कई चीजें बना सकते हैं. तैयार उत्पादों को रंगने के लिए, केले के तने से निकलने वाले रस का इस्तेमाल किया जाता है. प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रेशा डिपार्टमेंट से संपर्क कर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको प्रशिक्षण भी विश्वविद्यालय द्वारा दिया जाएगा. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आप भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
Tags: Bihar News, Local18, Samastipur news
FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 17:19 IST