बुरहानपुर: सीखने-सिखाने की कोई उम्र नहीं होती है. बचपन से लेकर तो पचपन की उम्र में भी लोग कलाकारी सीख लेते हैं. इस तरह की कलाकारी सीखने के बाद लोगों का मनोरंजन कर अपना भी दिल बहला लेते हैं. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के छेगांव माखन क्षेत्र में रहने वाले एक दिव्यांग मामा और भांजे अब लोगों का ट्रेन में गाना बजा कर मनोरंजन कर रहे हैं. इनकी कलाकारी अब लोगों को भी पसंद आने लगी है. मामा दिव्यांग हैं, लेकिन उनकी सुरीली आवाज और ढ़ोलक इस कदर से बजाते हैं कि जब उनका गाना सुनते ही हर कोई उनके पास रुक जाता है.
दिव्यांग मामा ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम को दिव्यांग मामा लखन ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं 22 साल से गाना बजाकर लोगों का मनोरंजन कर रहा हूं. मैं दिव्यांग हूं. कुछ काम नहीं कर पाता हूं. तो घर में अकेला ही बैठा रहता था. मैं यूट्यूब पर गाने सुना करता था, उससे मैं गाना सीख गया. मैंने एक ढ़ोलक खरीदा और उससे घर पर अपने हाथों से ही बजाना सीखा. जब मुझे बजाना आ गया तो मैंने गाना और बजाना दोनों शुरु कर दिया. भांजे राजू ने मेरा सहयोग किया. अब हम दोनों साथ में ही रहते हैं. हम लोगों का मनोरंजन करते हैं. मैं खंडवा से भुसावल तक ट्रेन में गाना बजाना करता हूं. अभी मेरी उम्र 50 साल है.
200 से अधिक गाने हैं मुंह पाठ याद
दिव्यांग लखन का कहना है कि 200 से अधिक गाने मुझे मुंह पाठ याद है. मैं यूट्यूब से करीब एक गाने को 100-100 बार सुनता था. तब वह मुझे याद हुए हैं. मैं सबसे अधिक माता रानी, हनुमान जी, भगवान श्री गणेश और भगवान श्री कृष्ण के भजन गाता हूं.
FIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 12:38 IST