Uttarpradesh || Uttrakhand

NEET पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, उम्मीदवारों ने प्रश्न पत्र के लिए 50 लाख रुपये तक दिए

Share this post

Spread the love

सांकेतिक फोटो- India TV Hindi

Image Source : FILE
सांकेतिक फोटो

5 मई को आयोजित हुई नीट परीक्षा में पेपर लीक को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ा खुलासा किया है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई, एनईईटी-यूजी 2024 पेपर लीक की जांच कर रही है। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने जांच में पाया कि  मेडिकल उम्मीदवारों ने एग्जाम से पहले पेपर पाने के लिए रैकेट में शामिल ‘दलालों’ को 30 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की भारी रकम का भुगतान किया था। 

फ्लैट्स से बैंक चेक, उम्मीदवारों के रोल कोड बरामद

रिपोर्ट के अनुसार EOU ने नीतीश कुमार और अमित आनंद के फ्लैट्स से बैंक चेक और उम्मीदवारों के रोल कोड सहित कई दस्तावेज जब्त किए हैं, जो परीक्षार्थियों की मदद करने के लिए एक शिक्षा परामर्श फर्म चला रहे थे। ये दोनों 5 मई को गिरफ्तार कर लिए गए। बता दें कि मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार अभ्यर्थी, तीन माता-पिता और अमित के दो सहयोगी शामिल हैं। पूछताछ के लिए ईओयू सोमवार को आरोपी को रिमांड पर लेगी। 

’35 मेडिकल उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र दिया गया’

गिरफ्तार उम्मीदवारों ने पुलिस को बताया कि लगभग 35 मेडिकल उम्मीदवारों को पटना के राम कृष्ण नगर इलाके में लर्न बॉयज़ हॉस्टल के एक अपार्टमेंट में ले जाया गया, जहां उन्हें प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया। ईओयू के उप महानिरीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, “उम्मीदवारों ने खुलासा किया कि वास्तविक एनईईटी प्रश्न पत्र परीक्षा से एक दिन पहले दलाल से प्राप्त प्रश्न पत्र के समान था।” उन्होंने कहा,”हम उन छात्रों का विवरण प्रदान करने के लिए परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से संपर्क करेंगे जिनके रोल कोड हमें फ्लैट में मिले थे। हम विवरण की पुष्टि कर रहे हैं।”

मैसेज ग्रुप्स के जरिए किया था संपर्क 

जांच से पता चला कि अमित की कंसल्टेंसी फर्म ने मैसेजिंग ऐप ग्रुप्स के जरिए उम्मीदवारों और उनके माता-पिता से संपर्क साधा। अमित दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के रूप में कार्यरत एक ‘दलाल’ सिकंदर यादवेंदु के संपर्क में था, जिसे परीक्षा से पहले पुलिस ने पकड़ लिया था।

किराए पर लिया था फ्लेट

रैकेट की कार्यप्रणाली का खुलासा करते हुए डीआइजी ने कहा कि अभ्यर्थियों के फ्लैट पर पहुंचने के बाद उनके मोबाइल फोन छीन लिये गए। अभ्यर्थियों को दिखाए जाने के बाद प्रश्नपत्र जला दिए गए। हमें उम्मीदवारों के फोन से मुख्य आरोपियों में से एक का नंबर मिला है। उन्होंने ही फ्लैट किराए पर लिया था और जगह तक पहुंचने के लिए इच्छुक लोगों से संपर्क किया था।

ये भी पढ़ें- कितने पढ़े लिखे हैं UP के पूर्व CM अखिलेश यादव? 


 

 

Latest Education News

Source link

Author:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ख़ास ख़बरें

ताजातरीन

× How can I help you?