निखिल कामत जेरोधा के को-फाउंडर हैं.वह गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर करने वाले चुनिंदा भारतीयों में है.गिविंग प्लेज में अपनी अधिकांश संपत्ति दान करने वाले लोग हैं.
नई दिल्ली. जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने अपने पॉडकास्ट में बच्चों को लेकर अपनी सोच बताई है. अपने पॉडकास्ट WTF में उन्होंने कहा कि अपनी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बच्चे पैदा करने का शौक उन्हें नहीं है. वह कहते हैं कि इस बात में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है कि वह किसी बच्चे की परवरिश सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते कि 18-20 साल बाद उनके बूढ़े होने पर वह बच्चे बड़े होकर उनकी देखभाल करेंगे.
बकौल कामत, “मैं 18-20 साल तक बच्चे की परवरिश करूं और भाग्य मेरे साथ रहा तो बच्चा बाद में मेरी देखभाल करेगा. क्या हो अगर 18 साल बाद बच्चे को ये ठीक न लगे और वह देखभाल करने से मना कर दे.” उन्होंने विरासत के सवाल पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने विरासत छोड़कर जाने के सवाल पर कहा कि लोग खुद को बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं, एक व्यक्ति जन्म लेता है और किसी दूसरे ही व्यक्ति की तरह मर जाता है, उसके जाने के बाद उसे कोई याद नहीं रखता है.
मौत के बाद क्यों याद किया जाना है?
कामत का कहना है कि लोग मौत के बाद याद रखे जाने के लिए क्यों काम करते हैं उन्हें समझ नहीं आता. बकौल कामत, मौत के बाद याद रखे जाने की क्या जरूरत है. वह कहते हैं कि इंसान को इसी जीवन में अच्छे से रहना चाहिए, आप जितने लोगों से मिलें उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए. आपको बता दें कि कामत पिछले साल गिविंग प्लेज का हिस्सा बनने के सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए हैं. इसका मतलब है कि उन्होंने अपनी ज्यादातर संपत्ति परोपकार के लिए दान कर दी है.
गिविंग प्लेज में इंडिया से चार लोग
कामत ने बताया कि भारत में चार लोग हैं जिन्होंने गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर किए हैं. बकौल कामत, बाकी तीन लोग उनके बहुत अच्छे दोस्त हैं. उनका कहना है कि बेंगलुरु वाले इस बात से गौरव महसूस करते होंगे कि यह सभी लोग इसी शहर के हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 18:14 IST