कैमूर. खेती-किसानी का ट्रेंड बदलता जा रहा है. इसके बाद भी किसानों की शिकायतें कम नहीं होती है. तकनीक की सही जानकारी नहीं होने और मौसम की मार के चलते अधिक नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में कृषि उनके लिए घाटे का सौदा साबित होने लगाता है. किसानों की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाओं पर काम कर रही हैं, ताकि किसानों को समय पर सही जानकारी मिल सके. अब किसानों को फसल संबंधित जानकारी समय पर उपलब्ध कराने के लिए एक एप लांच किया गया है. इसके माध्यम से मिट्टी की नमी, पौधों में पानी की जरूरत, बीमारी, कीट और मौसम संबंधी जानकारी एक सप्ताह पहले ही किसानों को उनके मोबाइल पर मिल जाएगी. इस एप के जरिए किसान समय पर फसल प्रबंधन कर कुप्रभावों से बचाव कर सकेंगे. इसके साथ ही घर बैठे अपने मोबाइल एप से ही खेतों में लगे मोटर पंप को स्टार्ट और बंद भी कर सकेंगे. इस एप का नाम कृषि देव ज्ञान एप है. इसको इफको किसान द्वारा विकसित किया है. अभी कुछ जगहों पर ट्रायल चल रहा है. जल्द ही इसे बिहार के सभी जिले के किसानों को लाभ मिलने लगेगा.
किसानों के लिए मददगार साबित होगा कि कृषि देव ज्ञान एप
कृषि विभाग के अधिकारी के मुताबिक इस एप का उद्देश्य किसानों को ऐसी जानकारियां मुहैया कराना है, जिससे वे अपनी खेती को बेहतर करने के साथ बेहतर मुनाफा हासिल कर सके. यह एप किसानों को मिट्टी की नमी, पौधों में पानी की जरूरत, बीमारी, कीट और मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करने में मदद करेगा. किसान को अपने स्मार्ट फोन से इस एप को डाउनलोड करना होगा. साथ ही खेतों में कुछ उपकरण लगाने होंगे. इसमें इफको द्वारा विकसित छोटे आकार का मौसम केंद्र, मिट्टी नमी सेंसर और एक सिंचाई फार्म की आवश्यकता होगी. इस एप के माध्यम से किसान अपनी खेत की जरूरत को समझ सकेंगे और उस अनुसार कदम उठाकर फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ा सकेंगे. खेत के आस-पास की सभी जानकारी मैसेज अथवा फोन कॉल से किसानों को मिलेगी. बिहार राज्य बागवानी मिशन, इफको किसान के साथ आधुनिक कृषि यंत्र का इस्तेमाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के हरेक जिले में करने का प्रयास करेगी, जिससे किसानों के फसल का उत्पादन बढ़े और आय भी दोगुनी हो.
एप में अत्याधुनिक कृषि सेंसर्स का हो सकेगा इस्तेमाल
कृषि देव ज्ञान एप से मौसम की भी जानकारी मिलेगी. साथ हीं यह एप किसानों के खेत में लगे पौधों की आम बीमारियों का पता लगाकर उनके मोबाइल पर कॉलिंग और संदेश के माध्यम से बताएगा. बचाव के लिए अधिकतम समाधान और सुझाव भी देगा. इसमें अत्याधुनिक कृषि सेंसर्स का इस्तेमाल होगा. इससे खेती में लगने वाली लागत में काफी कमी आएगी. पौधे में जितनी पानी की आवश्यकता होगी, उतना ही पानी इस एप के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. इस एप को विकसित करने में सूचना व संचार तकनीक(आईसीटी) व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) की मदद ली गई है. किसानों के लिए खेत में स्वचालित मौसम यंत्र, स्वचालित सिंचाई तकनीक व मृदा नमी सेंसर बनाया गया है. विशेष सेंसरों की मदद से खेत की निगरानी कृषि देव ज्ञान एप से कर सकते हैं. इस निगरानी में कई सारे पैमाने मौजूद है. यह फसल के उत्पादन क्षमता को बेहतर करने में मददगार साबित होगा.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 12:27 IST