सनातन धर्म में हर शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है. मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त को बेहद ही महत्व दिया जाता है. अभी मई का महीना चल रहा है. अक्षय तृतीया पर हुए शादियों के बाद से अगला विवाह यानी परिणय सूत्र में बंधने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. आमतौर पर भारत में मई जून के माह में जम कर शादियां होती हैं. लेकिन इस वर्ष मई और जून के माह में शादी विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है. वहीं जुलाई के माह में सिर्फ तीन दिन ही शादी विवाह किया जा सकेगा.
जुलाई के माह में शादी विवाह के लिए सिर्फ तीन दिन ही शुभ मुहूर्त है. पंचांग और ज्योतिषों के अनुसार मई और जून माह माह में शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं है. फिर इसके बाद आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन काल में चले जाएंगे और चार माह तक विश्राम करेंगे. इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. इस काल में केवल पूजा, सत्संग और भगवान की विभिन्न कथाओं का वचन और पाठन किया जाता है.
जुलाई माह में शादी के तीन शुभ मुहूर्त
राजधानी रायपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बेहद आवश्यक माना गया है. सनातन धर्म में हर मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त देखी जाती है और उसी समय पर मांगलिक कार्य संपन्न की जाती है. विगत माह में भी पंचागकर्ताओं के अनुसार कई शुभ मुहूर्त बताया गया था. मई और जून माह में गुरु और शुक्र अस्त हो जाने के कारण विवाह का मुहूर्त नहीं है. इसके बाद जुलाई माह में विवाह के लिए तीन शुभ मुहूर्त बताया गया है. 9, 11 और 12 जुलाई को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है. इसके बाद चार महीने के लिए चौमासा लग जाएगा. इस चार महीने के दौरान विवाह कार्य बंद रहेंगे. फिर देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर माह में फिर से विवाह कार्य प्रारंभ होगा.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 13:57 IST
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