वाराणसी: लोकसभा चुनाव के चार चरणों का मतदान अब समाप्त हो चुका है। बाकी के तीन चरणों के चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने आज वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन भी दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद पीएम मोदी ने India TV से खास बातचीत की।
काशी मेरे लिए शब्द नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि काशी मेरे लिए एक शब्द नहीं है, काशी अपने आप में शिव का रूप है। पहले जब मैं आया था तो एक भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में, उम्मीदवार के रूप में आया। संयोग था शायद परमात्मा ने तय किया होगा कि मुझे यहां पर भेजा। मुझे एक विशेषता दिखती है कि काशी अविनाशी है। ये संयोग ही है कि मेरा जन्म जहां हुआ वड़नगर में, आर्कियोलॉजी वालों ने खोजकर निकाला है कि मेरा गांव भी अविनाशी है, 3000 सालों से वहां मानव जीवन रहा है। मेरा वहां जन्म होना और यहां मेरा जीवन होना दोनों का कोई नाता रहा होगा। इस नाते ने मुझे काशी के साथ इमोशनली जोड़ दिया है। मैं जब आया था जब मैंने कहा था कि मुझे किसी ने भेजा नहीं बल्कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है, लेकिन 10 सालों से मेरा नाता जिस तरह से बढ़ा है तो ऐसा लगता है कि मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है। शिव जी ने मुझे आशीर्वाद दे दिया है।
महात्मा गांधी जब काशी आए
जहां तक काशी के विकास का सवाल है अच्छा होता देश की आजादी के बाद, देश के प्रेरणास्थान हैं जो पुरातन को जोड़ते हैं उसके प्राथमिकता देते हैं। महात्मा गांधी एक बार यहां आए थे तो गुस्सा भी जताया था। कि ये काशी है? जो गंदगी, जो अव्यवस्था थी तो महात्मा गांधी ने गुस्सा व्यक्त किया था। मैंने बचपन में पढ़ा था तो महात्मा गांधी को मैं श्रद्धांजलि भी दे रहा है। स्वच्छता, महिला सम्मान, खादी को मैं बढ़ावा दे रहा है। मेरे मन में था कि मैं काशी के लिए कुछ करूं, तो मैं सिर्फ जनप्रतिनिधि होने के नाते ये नहीं करता हूं। मेरा काशी में जोड़ने की ताकत है, इसलिए मैं ये कर पाता हूं। काशी मेरा घर है कहे जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि आप जानते हैं कि जापान के पूर्व पीएम शिजो आबे यहां पर गंगा आरती के लिए आए। उनकी कोशिश थी भारतीय वेष पहनने की। उनकी इच्छी थी यहां पर उनकी याद की तो उसी प्रयास से यहां पर कन्वेंशन सेंटर बना है।
रोड शो में मां के साथ तस्वीरें देखने के बाद क्या भावना होती है
रोड शो में कुछ बच्चियां पीएम मोदी की मां की तस्वीर लेकर आईं, इसे देखकर उनकी भावनाओं को लेकर पूछा गया तो पीएम मोदी ने कहा कि इसपर मैं कुछ कह नहीं सकता। ये मेरे निजी इमोशन हैं, लेकिन जब छोटे बच्चे मेरे लिए कुछ कर रहे हैं तो वो चित्र मेरी मां का है इसलिए नहीं, बल्कि शायद उनके लिए मैं प्रधानमंत्री नहीं हूं। वो मुझे एक मां के बेटे के रूप में देखते हैं। वो अपनी मां को मेरी मां से कनेक्ट करते हैं। तो ये मुझे बहुत प्रेरित करता है।
इतनी भीड़ में आप बुढ़ी अम्मा के लिए चेयर की व्यवस्था करते हैं ये कोई आम बात नहीं है। इस पर पीएम ने कहा कि जब मैं भाषण देता हूं तो ये ईश्वर की कृपा है कि मैं भाषण भी देता हूं, कनेक्ट भी करता हूं। मैं निर्जीव रोबोट की तरह भाषण नहीं देता हूं, बल्कि मैं लोगों के मन के साथ जुड़ता हूं। मैं जनप्रवाह में बहता हूं। हो सकता हैं बहुत कुछ नहीं देख पाता हूं, लेकिन ज्यादातर मैं देखता हूं। अगर कोई गरीब है, तकलीफ में है तो मेरा उस तरफ ध्यान चला जाता है और जब तक उसका समाधान नहीं होता है तो मैं अपने एसपीजी से भी कहता हूं को इसका समाधान करो।
खुद को ‘तानाशाह’ कहे जाने पर बोले पीएम
पीएम मोदी को ‘तानाशाह’ कहे जाने पर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘उनकी डिक्शनरी में यही मुख्य शब्द है और इसलिए जब वो एक चुने हुए प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की भाषा बोलते हैं तब वह देश के नागरिकों का अपमान करते हैं, देश के मतदाताओं का अपमान करते हैं। क्या भारत के मतदाता ऐसे हैं कि किसी तानाशाह को देश दे दें। भारत के मतदाता इतने समझदार हैं कि तानाशाही का एक कृत्य इस देश में 1975 में हुआ तो दो साल के भीतर-भीतर इस देश ने उस तानाशाही को उखाड़ करके फेंक दिया। भारत के लोगों के रगों में लोकतंत्र है। इसलिए अगर कोई कहे कि भारत की जनता अबोध है कि वह तानाशाहों को चुनती है तो ये भाषा मोदी को गाली नहीं है ये देश के कोटि-कोटि लोगों को गाली है। एक ऐसा व्यक्ति जो लगातार रिकॉर्ड बहुमत से लंबे काल तक एक राज्य का सीएम बनकर रहा, एक ऐसा व्यक्ति जिसे लगातार 10 सालों से देश की जनता जिता रही है, इसका मतलब आप मोदी का अपमान नहीं कर रहे हैं, आप भारत के लोगों की समझारी का अपमान कर रहे हैं।’