Uttarpradesh || Uttrakhand

Explainer: डी-वोटर कौन हैं; भारत में रहकर भी क्यों नहीं मिलता वोट डालने का हक?

Share this post

Spread the love

D voter- India TV Hindi

Image Source : FILE
डी-वोटर

नई दिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और तीन चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है। 13 मई को चौथे चरण की वोटिंग होने वाली है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें वोट डालने का हक नहीं है? इन लोगों को डी-वोटर यानी डाउटफुल (संदिग्ध) वोटर कहा जाता है। 

कौन होते हैं डी-वोटर?

दरअसल असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के निर्माण के दौरान, जिनकी नागरिकता को लेकर सवाल थे या संदेह था, उन्हें डी-वोटर कहा जाता है। दरअसल ये ऐसे वोटर होते हैं, जो अपनी नागरिकता को अभी तक साबित नहीं कर पाए हैं और इसलिए संदिग्ध नागरिकता में आते हैं। इसीलिए इन लोगों को वोटिंग करने का अधिकार नहीं दिया गया है। 

असम सरकार का कहना है कि उसके राज्य में करीब एक लाख डी-वोटर हैं। इन लोगों की नागरिकता संदेह के दायरे में है। असम में डी-वोटर एक बड़ा मुद्दा है। 

कब चलाई गई मुहिम?

भारतीय चुनाव आयोग ने साल 1997 में विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए एक मुहिम चलाई थी, जिसमें उन लोगों के नाम रजिस्टर किए गए थे, जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में थी। तत्कालीन सरकार ने 24 मार्च 1971 की एक तारीख तय की और कहा कि इस तारीख से पहले जो लोग भारत आए वह वैध नागरिक माने जाएंगे और जो लोग इस तारीख के बाद आए, उन्हें अवैध नागरिक कहा जाएगा। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने फॉरेनर ट्रिब्यूनल ऑर्डर को पारित किया था, जोकि 1964 में आया था। इसमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला मजिस्ट्रेट को यह अधिकार दिया गया कि वह यह तय कर सकते हैं कि कोई वैध नागरिक है या अवैध, यानी भारतीय है या विदेशी।

अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित हैं डी-वोटर

डी वोटर को न केवल वोट डालने का अधिकार नहीं मिला, बल्कि अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है। ये लोग पैसे की समस्या से तो पीड़ित हैं ही, साथ ही सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित हैं। यही वजह है कि ये लोग जहां-जहां पाए जाते हैं, वहां उनकी हालत बहुत बुरी है। उन्हें रोटी, कपड़ा और मकान के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। 

Source link

Author:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ख़ास ख़बरें

ताजातरीन

× How can I help you?