मनमोहन सेजू/बाड़मेर:- कहते हैं कि एक माँ के लिए उसके बच्चे से बढ़कर कुछ नही होता है. ऐसे में आज हम एक ऐसी मां के बारे में बात करने वाले हैं, जिनका मासूम जन्म के कुछ दिन बाद ही एक दुर्लभ बीमारी की चपेट में आग गया. दस साल बाद भी बच्चे के जख्मों पर खून और पीस को देखकर मां का कलेजा तड़क उठता है.
भारत- पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर पुरखाराम की ढाणी में दस साल के मासूम ओमप्रकाश की आज हाथों और पैरों की अंगुलिया तक गायब हो चुकी हैं. दिनभर घावों की वजह से पूरे शरीर में बेइंतहा दर्द होता है और बिलखते अपने मासूम ओमप्रकाश को देखकर मां धन्नी देवी की आंखें भी नम हो जाती हैं.
इलाज में बिके जमीन और गहने
बाड़मेर जिला अस्पताल के जिला अधीक्षक डॉक्टर बी एल मंसुरिया ने लोकल 18 को बताया कि बीते 10 साल के दौरान ओमप्रकाश कई मर्तबा उनके पास इलाज के लिए आया. लेकिन उसे राहत देने के अलावा कुछ नहीं किया जा सकता है. ओमप्रकाश के दादा पुरखाराम बताते हैं कि अब तक उनकी 15 बीघा जमीन बिक चुकी है और घर के गहने पूरे बिक चुके हैं. अब लोगो के सामने झोली फैलाने के अलावा कुछ बाकी नहीं रह गया है.
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पिता चलाते हैं ट्रक
पुरखाराम Local18 को बताते हैं कि ओमप्रकाश के पिता वालाराम ट्रक चालक हैं और अहमदाबाद में काम करते हैं. राजवेस्ट ने उनके खेतों की जमीन प्राप्त तो कर ली लेकिन भूमिहारा होने के बावजूद उसको किसी तरह की कोई नौकरी नहीं मिली है. मासूम की माँ धन्नी देवी बताती हैं कि मासूम के लिए दवाइयों का इंतजाम अब उसके बस की बात नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 14:06 IST