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RBI के नाम पर हो रही धोखाधड़ी, रिजर्व बैंक ने ऐसे फर्जी ईमेल और मैसेज को लेकर जारी की चेतावनी।

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आरबीआई ने कहा है कि उन्हें कई तरह की अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने इससे बचाव के रास्ते भी बताए हैं

RBI: फर्जीवाड़ा करने वालों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच चूहे और बिल्ली का खेल चलता रहता है। साइबर क्राइम की धरपकड़ के लिए लगातार कई जांच एजेंसियां नए-नए तरीके आजमाती रहती हैं। ये फर्जीवाड़ा करने वाले लोग भी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फांसने का काम करते रहते हैं। कुछ ऐसे ही मामले अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की नजर में भी आए हैं। इनमें लोगों को आरबीआई के नाम पर बेवकूफ बनाने की कोशिश की जा रही है। इनका पता चलने पर आरबीआई ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि, वह उनके नाम पर आ रहे ईमेल और मैसेज से सावधान रहें और पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही इनका जवाब दें।

रिजर्व बैंक के फर्जी लेटर हेड औरईमेल एड्रेस का हो रहा इस्तेमाल

केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को कहा है कि, हमारे नाम पर कई तरह के फर्जी मैसेज और ईमेल लोगों को भेजे जा रहे हैं। इनमें आरबीआई के फर्जी लेटर हेड और ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनके जरिए लोगों को लॉटरी जीतने, फंड ट्रांसफर, विदेश पैसा भेजने और सरकारी स्कीम के नाम पर फंसाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा आरबीआई कर्मचारी बनकर लोगों को कॉल करने के मामले भी सामने आए हैं। लोगों से प्रोसेसिंग फीस, ट्रांसफर फीस और प्रक्रिया शुल्क के तौर पर पैसे मांगे जाते हैं। ऐसे लोगों से आपको सावधान रहना होगा।

 

बैंक अकाउंट जैसी निजी जानकारियां मांग रहे ऑनलाइन फर्जीवाड़ा करने वाले

इसके अलावा स्मॉल और मीडियम बिजनेस को सरकार या आरबीआई के अधिकारी बनकर निशाना बनाया जा रहा है। उनसे सरकारी कॉन्ट्रैक्ट या स्कीम के नाम पर सिक्योरिटी डिपॉजिट मांगा जाता है। साथ ही आकर्षक लाभ भी बताए जाते हैं। लोगों से कॉल, एसएमएस और ईमेल के जरिए संपर्क साधा जाता है। उन्हें अकाउंट ब्लॉक या फ्रीज करने की धमकी दी जाती है। इसके बाद उनसे बैंक अकाउंट, कार्ड की जानकारी, पिन और ओटीपी जैसी निजी जानकारियां मांगी जाती हैं। इन लोगों को कोई फर्जी लिंक भेजकर एप भी इंस्टॉल करवाए जाते हैं।

साइबर क्रिमिनल ने लोगों को ब्लैकमेल कर किया डिजिटल अरेस्ट

कई बार तो इन साइबर क्रिमिनल (Cyber Criminal) ने पीड़ितों को संदिग्ध ट्रांजेक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी के नाम पर ब्लैकमेल कर डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) तक कर लिया था। इसके अलावा आरबीआई को कुछ वेबसाइट और एप के बारे में भी जानकारी मिली है। इनके जरिए अवैध तरीकों से कर्ज देने का खेल भी किया जा रहा है।

आरबीआई नहीं खोलता किसी का भी अकाउंट, इस तरह से बचें  

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि वह कभी भी किसी व्यक्ति, कंपनी या ट्रस्ट का अकाउंट नहीं खोलता है। इसके अलावा वह न कभी पैसा जमा करने के लिए किसी को बोलता है। लॉटरी फंड जैसी चीजें आरबीआई कभी नहीं चलाता है। उनकी तरफ से किसी भी तरह के कॉल, मैसेज या ईमेल नहीं भेजे जाते हैं। ऐसे में लोग इस बारे में सावधान रहें। कभी भी निजी जानकारियां किसी को भी नहीं दें। ऐसी स्थिति में फंसने पर अपने बैंक से संपर्क करें और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जानकारी दें। न ही किसी एप और वेबसाइट के झांसे में आएं। इसके अलावा आरबीआई की वेबसाइट https://rbi।org।in/ पर भी संपर्क कर सकते हैं।

The Bharat Uday
Author: The Bharat Uday

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