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The way of working of National Award-winning nurse Babita will surprise you, know her story in the words of the nurse. – News18 हिंदी

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नोएडा. बीमारी में अपने भी साथ छोड़ देते हैं, वो हर बार साथ देती है. अपनी सेवा से नर्स समाज को हमेशा उत्तम स्वास्थ्य देती है. ये बातें राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित नर्स बबीता पर सटीक बैठती हैं. कोरोना काल में जब कोई अपना अपने को नही देख रहा था. उस समय बबीता नर्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की और उनको एक नया जीवन भी दिया. इस दौरान 4,78000 लोगों को वैक्सीन लगाने वाली नर्स बबिता को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इनको राष्ट्रीय अवॉर्ड देकर सम्मानित किया.

अपनी जान की बाजी लगाकर बचाई जान

नर्स बबीता नागर ने लोकल 18 को बताया कि वो मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के इमलिया गांव की निवासी है. 2013 में इन्होंने अपना नर्सिंग का कोर्स पूरा किया और तभी से वो ग्रेनो के कासना स्थित जिम्स में स्टाफ नर्स के पद पर तैनात हैं. कोविड के दौरान डॉक्टर्स ने भी ऑनलाइन मरीजों को देखना शुरू कर दिया. इस समय वो उनकी स्टाफ नर्स ऊषा ने जान की बाजी लगाकर मरीजों को देखा.

दोनों नर्स को मिला अवॉर्ड

इसके साथ ही बबीता और उषा ने मिलकर 2021-22 में उन्होंने चार लाख 78 हजार लोगों का वैक्सीनेशन किया किया जो एक रिकॉर्ड बना. उसी के चलते 8 मार्च 2022 वूमेंस डे पर दोनों नर्स को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दोनो को राष्ट्रीय अवार्ड देकर सम्मानित किया.

इसलिए मनाया जाता है नर्स डे

बात दें कि 12 मई 1820 को मशहूर नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. ऐसे में उनकी याद में हर साल इस दिन को मनाया जाता है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल एक नर्स थीं, क्रीमियन युद्ध के दौरान उनका काम काफी सराहनीय था. इसके साथ ही आपको बता दें कि भारत की पहली महिला नर्स ‘बाई काशीबाई गणपत’ थी.

Tags: Greater noida news, Hindi news, Nurse, UP news

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